पटना:नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) की महागठबंधन सरकार में ऐसे तो दो दर्जन मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं लेकिन सबसे चर्चा बाहुबली मंत्रियों की हो रही है. रामानंद यादव, सुरेंद्र यादव, ललित यादव और अनंत सिंह के नजदीकी कार्तिकेय सिंह के अलावा शिक्षा मंत्री बनाए गए प्रोफेसर चंद्रशेखर महागठबंधन सरकार के लिए बड़ी चुनौती ( Tainted Ministers Of Nitish Government) बन सकते हैं.
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दागी मंत्रियों ने बढ़ाई नीतीश सरकार की परेशानी: सभी पर अपहरण से लेकर यौन शोषण और अमानवीय व्यवहार करने का आरोप है. नीतीश कुमार पिछली बार महागठबंधन सरकार में अवैध संपत्ति मामले को लेकर तेजस्वी यादव से सफाई मांगते हुए सरकार से अलग हो गए थे. अब इन बाहुबलियों के साथ नीतीश कैसे सरकार चलाएंगे? महागठबंधन की सरकार बनते ही पहले आनंद सिंह मोहन का मामला सामने आया और फिर कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह का मामला सामने आया है. ऐसे में विपक्ष हमलावर है और सरकार के लिए अभी से ही चुनौती ( Tainted Ministers Increased Trouble Of Nitish) शुरू हो गई है.
ADR की रिपोर्ट: एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल 22 मंत्रियों पर मामले दर्ज हैं. कई पर गंभीर आपराधिक मामले में हैं. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर ही 11 मामले दर्ज हैं. पटना से लेकर दिल्ली तक सीबीआई ने मामले दर्ज किए हैं. ईडी का मामला भी चल रहा है. लालू के बड़े पुत्र तेज प्रताप पर भी पांच मामले दर्ज हैं. कई मंत्रियों पर चुनाव आचार संहिता उल्लंघन से लेकर चुनाव के दौरान रुपए बांटने से लेकर लॉकडाउन उल्लंघन तक के मामले दर्ज हैं. लेकिन हम चर्चा बिहार के उन बाहुबलियों की कर रहे हैं जिनके कारण नीतीश कुमार की सुशासन वाली छवि पर अब सवाल उठने लगा है और सरकार के लिए चुनौती भी बन गई है.
तेजस्वी यादव पर 11 मामले दर्ज: नीतीश सरकार के सबसे खास व्यक्तित्व और बिहार सरकार के उप मुख्यमंत्री बन चुके तेजस्वी यादव का नाम IRCTC घोटाले में आ चुका है. बिहार चुनाव 2020 के दौरान दायर किए हलनामे के मुताबिक, तेजस्वी यादव पर 11 मामले दर्ज हैं. इनमें 7 क्रिमिनल केस हैं, जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग, आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी के मामले चल रहे हैं. इसके अलावा चार सिविल केस भी चल रहे हैं. तेजस्वी यादव पर धोखाधड़ी करने के लिए आईपीसी की धारा 120 B के तहत आपराधिक षडयंत्र का मुकदमा भी दर्ज हो चुका है. IRCTC मामले में कार्रवाई हुई तो 7 साल की जेल तक हो सकती है.
तेज प्रताप यादव पर दहेज केस:लालू यादव के बड़े बेटे और डिप्टी सीएम के भाई तेज प्रजाप यादव हसनपुर से विधायक हैं. तेज प्रजाप यादव पर पटना के अलग-अलग थानों में चार मामले दर्ज हैं और एक मामला दहेज से भी जुड़ा हुआ है.
दबंग नेता के रूप में सुरेंद्र यादव की पहचान:पटना से गया तक इनकी चर्चा होती है. बाल यौन अपराध से लेकर कई तरह के मामलों को लेकर चर्चा में रहे हैं. चारा घोटाला मामले में गुजरात से एक गवाह को गया लाकर बिजली का करंट देकर टॉर्चर किया था और यह खूब चर्चा में आए थे. सुरेंद्र यादव बेलागंज से विधायक हैं. पिछले 30 साल से बेलागंज के विधायक सुरेंद्र यादव की पहचान एक दबंग विधायक और बिहार राजनीति के ताकतवर चेहरे के रूप में की जाती है. अब तक सुरेंद्र यादव 2 बार जनता दल और 5 बार आरजेडी से विधायक रहे हैं.
ललित यादव पर है हत्या का आरोप: ललित यादव दरभंगा ग्रामीण सीट से विधायक और अपनी दबंग छवि के लिए जाने जाते हैं. ट्रक ड्राइवर दीनानाथ बैठा के नाखून उखाड़ने के कारण चर्चा में आए थे. शाहपुर चक्का गांव के रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर हीरा पासवान की गोली मारकर हत्या हुई थी. शव ललित यादव के बगीचे से बरामद हुआ था. तब लालू प्रसाद ने उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर निकाला था. अब फिर से नीतीश कुमार ने इन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी है. यह मामला बिहार ही नहीं देश भर में चर्चा का विषय बना था.
कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के वारंट का मामला गरमाया: कानून मंत्री बनाए गए कार्तिकेय (Bihar Law Minister kartikeya singh), अनंत सिंह के नजदीकियों में जाने जाते हैं और इसीलिए चर्चा में हैं. इन पर भी कई मामले दर्ज हैं और हाल में इन पर वारंट भी जारी हुआ है. साल 2014 में राजीव रंजन की किडनैपिंग हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के कानून मंत्री कार्तिक सिंह भी हैं. बिहटा थाना में उनके खिलाफ मामला दर्ज है. जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है. धारा 164 के तहत बयान में नाम आया है. कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. कल यानी 16 अगस्त को इनको कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो मंत्री पद की शपथ ले रहे थे.
खान भूतत्व मंत्री रामानंद यादव:65 वर्षीय आरजेडी नेता डॉ. रामानंद यादव फतुहा विधानसभा सीट से विधायक हैं. पटना में इनका अभी भी सिक्का चलता है. इन पर चुनाव के दौरान मारपीट करने का आरोप है. इनपर अपहरण से संबंधित मामला भी है. करीब 11 करोड़ रुपये की सम्पत्ति के मालिक डॉ. यादव पर 4 आपराधिक मामले दर्ज हैं. वह एक रिटायर्ड प्रोफेसर हैं.
नीतीश सरकार ने सुधाकर सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया था: आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह पर तो नीतीश सरकार ने चावल घोटाला का केस दर्ज किया था और आज इन्हें मंत्री बनाया है. सुधाकर सिंह रामगढ़ से पहली बार 2020 में विधान सभा का चुनाव जीत कर बिहार विधान सभा पहुंचे हैं. सुधाकर सिंह राजपूत कोटे से नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं.
राजद के 14..तो जदयू के 3 मंत्री पर केस: इसी तरह शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर की कारतूस लेकर यात्रा करने के कारण हवाई अड्डा पर गिरफ्तारी हुई थी. इन पर भी कई मामले हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और बिहार इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के अनुसार राजद के 16 मंत्री में से 14 पर केस है और जदयू के 11 मंत्री में से 3 पर केस है. किसी में फिलहाल सजा नहीं हुई है.
मंत्रियों के नाम और केसों की संख्या:नीतीश कैबिनेट में दागी मंत्रियों के शामिल होने पर बीजेपी हमलावर हैं. नीतीश कैबिनेट में शामिल दागी छवि के मंत्री सरकार को परेशानी में डाल सकते हैं. किन मंत्रियों पर कितने केस हैं उसकी बात करें तो यह फेहरिस्त बहुत लंबी है. सुरेन्द यादव ( 9 मामले), रामानंद यादव (4), तेजस्वी यादव (11), कार्तिकेय सिंह (4), तेजप्रताप यादव (5), जमा खान (3), संजय झा (2) मामले चल रहे हैं.