स्वामी प्रसाद मौर्य का विवादित बयान, कहा- 'हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं, केवल धोखा है' - राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य के एक बयान के बाद प्रदेश की सियासत फिर गरमा गई है. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को ब्राह्मण समाज और हिंदू धर्म को लेकर विवादित ट्वीट किया.
लखनऊ : स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर हिंदू और ब्राह्मण विरोधी बयान दिया है. जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि सपा ने अपने राष्ट्रीय महासचिव को हिंदू धर्म और ब्राह्मणों को अपमानित करने की जिम्मेदारी दे दी है. समाजवादी पार्टी ऐसा करके उत्तर प्रदेश को दंगे की याद में झोंकना चाहती है.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि 'ब्राह्मणवाद की जड़े बहुत गहरी हैं और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है. हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है. सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है. अगर हिंदू धर्म होता तो आदिवासियों का भी सम्मान होता है, दलितों का भी सम्मान होता. पिछड़ों का भी सम्मान होता, लेकिन क्या विडंबना है.'
वहीं समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि 'उन्होंने किन परिस्थितियों में यह बयान दिया है यह तो नहीं पता है, लेकिन फिलहाल इस बयान पर कुछ भी बोलने से मना किया गया है.'
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय चौधरी ने इस विषय में बताया कि 'समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य हैं. पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्य को जिम्मेदारी दी हुई है कि वह हिंदू धर्म और ब्राह्मणों का अपमान करें. लगातार अपमानित कर रहे हैं. मनोज पांडे के ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित करने को लेकर संजय चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी यह दिखावा कर रही है. एक नेता अपमानित करता है, दूसरा सम्मेलन आयोजित करता है.' उन्होंने कहा कि 'प्रदेश को दंगे में झोंकने की सपा की साजिश कामयाब नहीं हो पाएगी.'
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि 'स्वामी प्रसाद मौर्य केवल मीडिया में छाए रहने के लिए आपत्तिजनक बयानबाजी करते हैं. वे केवल समाज में द्वेष पैदा करके अपनी राजनीति चमका रहे हैं.'