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तीसरी लहर की आशंका के बीच कांवड़ यात्रा क्यों जरूरी है, सुप्रीम काेर्ट काे बतायेगी यूपी सरकार

उत्तराखंड और ओडिशा में कांवड़ यात्रा पर सरकार ने रोक लगायी है. लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर की संभावना के बावजूद कांवड़ यात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया. इसको लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.

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Published : Jul 16, 2021, 11:20 AM IST

नई दिल्ली : देश में ऑक्सीजन संकट, वैक्सीनेशन में लेटलतीफी, कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजे के बाद अब सुप्रीम कोर्ट कांवड़ यात्रा को लेकर सख्त नजर आ रही है. इसको लेकर शीर्ष अदालत ने नोटिस जारी किया था. यूपी और उत्तराखंड सरकार इस मामले में अदालत में अपना जवाब दाखिल करेंगी.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा की इजाजत दी है. सरकार की ओर से जारी निर्देश में कहा गया था कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए कांवड़ यात्रा निकालने की इजाजत होगी. वहीं कांवड़ यात्रा को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मदद्देनजर स्थगित कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट में आज इस मामले की सुनवाई होगी.

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस नरीमन ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा था कि यूपी राज्य ने कांवड़ यात्रा के आयाेजन का फैसला किया है, जबकि उत्तराखंड ने अपने अनुभव के आधार पर फैसला किया कि कोई यात्रा नहीं होगी. इस पर उत्तर प्रदेश सरकार अपना स्टैंड बताएगी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. सुप्रीम कोर्ट के इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया और जानना चाहा कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच कांवड़ यात्रा कराना क्यों जरूरी है.

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उम्मीद की जा रही है कि 3 करोड़ भक्त कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तर भारत पहुंच सकते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा था कि यूपी में कांवड़ यात्रा के दौरान स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल, सोशल डिस्टेसिंग, मास्क, आरटीपीसीआर टेस्ट का पालन होगा. इसके साथ निगरानी भी की जाएगी. अब देखना है कि कांवड़ यात्रा को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट क्या रुख अख्तियार करता है.

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