झीरम घाटी नक्सली हमला : SC ने छत्तीसगढ़ पुलिस की जांच को चुनौती वाली याचिका खारिज की
साल 2013 में छत्तीसगढ़ के झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले की राज्य पुलिस द्वारा की गई जांच को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की, लेकिन अदालत ने एनआईए की याचिका खारिज कर दी है. Supreme court, Maoist attacks in Chhattisgarh state, Chhattisgarh Police, National Investigation Agency, Jheeram Ghati massacre.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य में 2013 में हुए झीरम घाटी नक्सली हमले में बड़ी साजिश का आरोप लगाते हुए 2020 में दायर एक एफआईआर की छत्तीसगढ़ पुलिस की जांच को चुनौती दी गई थी. उस हमले में कई शीर्ष कांग्रेस नेता मारे गए थे.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने एनआईए का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू को सुनने के बाद उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा.
छत्तीसगढ़ सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील एएनएस नाडकर्णी और वकील सुमीर सोढ़ी ने अदालत को बताया कि एनआईए ने 2013 के बाद से कभी भी राजनीतिक साजिश के पहलू की जांच नहीं की और वास्तव में मामले को बंद कर दिया है. शीर्ष अदालत को सूचित किया गया कि 2016 में पिछली राजनीतिक सरकार ने भी केंद्र सरकार को सीबीआई जांच शुरू करने के लिए लिखा था, क्योंकि एनआईए ने अपना काम नहीं किया था.
पक्षों को विस्तार से सुनने के बाद, पीठ ने एनआईए द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया, जिसका अनिवार्य रूप से मतलब है कि राज्य पुलिस अब 2013 के भीषण हमले में राजनीतिक साजिश के कोण से जांच कर सकती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2013 में झीरम घाटी कांड में नक्सली हमले में कांग्रेस नेताओं समेत 27 लोगों की मौत हो गई थी. मामले की जांच एनआईए ने की थी और मामले की सुनवाई चल रही है.