नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भारत सरकार द्वारा तैयार की गई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017 के कार्यान्वयन के लिए दायर की गई एक रिट याचिका को खारिज कर दिया है. हालांकि पीठ ने याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की स्वतंत्रता देने की इच्छा जताई ताकि एक नई याचिका तैयार की जा सके, जिसमें संतोषजनक दलीलों का बोझ विधिवत रूप से निर्वहन किया गया हो.
रिट याचिका में कोविड-19 पीड़ितों के आश्रितों / चिकित्सा सहायता की कमी के कारण मरने वाले लोगों के लिए आजीविका के प्रावधान के लिए और बीमा अधिकारियों को आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई, आरोग्यश्री, जनधन योजना, रयतु भीमा आदि के तहत कोविड-19 रोगियों को निजी अस्पतालों में इलाज कराने और कोविड-19 से होने वाली मौतों के लिए धारक के बीमा दावों को संसाधित करने और पॉलिसी के लिए चिकित्सा खर्चों की प्रतिपूर्ति करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी.
याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने प्रस्तुत किया कि डॉक्टरों और विशेषज्ञों की कमी को देखते हुए, वह केवल राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के कार्यान्वयन के संबंध में राहत के लिए दबाव डाल रहे हैं, तो न्यायाधीश ने टिप्पणी की, 'आप सिर्फ एक रिपोर्ट संलग्न कर यह उम्मीद नहीं कर सकते हैं कि कोर्ट को सिर्फ आगे बढ़ना है.