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कृषि कानूनों के समर्थक किसान ने दिखाया आइना, बंजर जमीन पर सब्जियां उगाकर मुनाफा किया दोगुना

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Published : Feb 3, 2021, 7:18 PM IST

हरिद्वार के मनमोहन भारद्वाज ने कोरोना काल और किसान आंदोलन के समय में खेती से ऐसा मुनाफा कमाया कि वो आज मिसाल बन गए हैं. मंडियों के मकड़जाल से आजाद होकर भारद्वाज कॉरपोरेट कंपनियों को खुद अपनी उगाई सब्जियां सप्लाई कर रहे हैं. इससे मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर..

मनमोहन भारद्वाज
मनमोहन भारद्वाज

हरिद्वार :किसानों की आय दोगुनी करने का देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सपना देखा है. देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री कार्य कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी की इसी सोच से युवा किसान प्रेरित भी हो रहे हैं. उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के सीमांत गांव बुग्गावाला में एक युवा किसान प्रधानमंत्री के सपने को खेत खलिहान में उतारने के लिए जी-जान से लगा है.

स्वदेशी निर्मित सेमी मशरूम प्लांट लगाया
युवा किसान ने प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशी निर्मित सेमी मशरूम प्लांट लगाया है. यह किसान कई वर्षों से बंजर जमीन पर मशरूम के साथ शिमला मिर्च और गेहूं की जैविक खेती कर बड़े-बड़े कॉरपोरेट घरानों और कंपनियों को अपनी उपज बेचकर जबरदस्त मुनाफा कमा रहा है.

मनमोहन भारद्वाज की सफलता की कहानी.

मंडियों के मकड़जाल से निकले बाहर
बुग्गावाला गांव का यह युवा किसान सरकारी मंडियों के मकड़जाल से बाहर निकल कर आस-पास के किसानों को जैविक खाद बीज भी उपलब्ध करा रहा है. कई स्थानीय ग्रामीणों को अपने खेती के जरिए रोजगार दे रहा है. उत्तराखंड सरकार बुग्गावाला गांव के इस युवा किसान के खेती के कार्य को देखकर उत्तराखंड में मुख्यमंत्री मशरूम विकास योजना का शुभारंभ करने जा रही है, जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में मशरूम की खेती की जा सके और अच्छे मुनाफे के साथ पहाड़ी क्षेत्र के लोग भी आत्मनिर्भर बनाया जा सके.

मनमोहन से प्रेरित है उत्तराखंड सरकार

प्लांट का हुआ उद्घाटन
हरिद्वार जनपद के बुग्गावाला में मशरूम के सेमी ऑटोमेटिक स्वदेशी निर्मित प्लांट का उद्घाटन उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस प्लांट में भारी मात्रा में मशरूम का उत्पादन किया जा रहा है, जोकि बहुत ही सराहनीय कार्य है. मशरूम की खेती उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के लिए बहुत माकूल है. राज्य सरकार इसके लिए जल्दी एक नई नीति लेकर आ रही है, जिससे युवाओं को रोजगार मिलेगा और प्रधानमंत्री का आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा होगा.

आत्मनिर्भर भारत का किसान.

उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड में मशरूम की खेती की पहाड़ों में बहुत संभावनाएं हैं. क्योंकि वहां का वातावरण मशरूम की खेती के लिए बहुत उपयुक्त है. कृषि कानूनों को लेकर सुबोध उनियाल का कहना है कि इन कानूनों का विरोध वही कर रहे हैं, जो किसानों को लूटने का कार्य करते थे. मगर इन कानूनों के माध्यम से किसान देश में किसी भी कोने में अपना सामान बेच सकते हैं. इन कानूनों के लिए हो हल्ला नहीं मचाना चाहिए. सिर्फ इसमें विरोध की राजनीति की जा रही है. वो लोग राजनीति कर रहे हैं, जिनकी अपनी जमीन खत्म हो गई.

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बंजर जमीन पर उगाईं सब्जियां
मशरूम के सेमी ऑटोमेटिक स्वदेशी निर्मित नेचर बेस्ड प्लांट के सीईओ और युवा किसान मनमोहन भारद्वाज ने कहा कि बुग्गावाला की बंजर जमीन पर मशरूम उत्पादन और शिमला मिर्च की विभिन्न प्रजातियों के उत्पादन की बहुत संभावना है. यह प्लांट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट आत्मनिर्भर भारत के तहत देश का पहला स्वदेशी प्लांट है, जो आत्मनिर्भर भारत बनाने और स्वरोजगार पैदा करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा.

ईकोफ्रेंडली है प्लांट
यह प्लांट ईकोफ्रेंडली प्लांट है. इसमें प्लास्टिक व पॉलीथिन का प्रयोग बिल्कुल नहीं होता है. कृषि कानूनों पर मनमोहन भारद्वाज का कहना है कि इसके माध्यम से किसानों को काफी फायदा मिलेगा, क्योंकि जो फायदा खरीदार लेते थे अब वो किसान ले सकेंगे. इस कानून के माध्यम से पूरा भारत एक हुआ है.

बुग्गावाला जैसे छोटे गांव के इस युवा किसान ने बंजर जमीन पर खेती कर क्षेत्र और राज्य के अन्य किसानों के लिए भी बंजर जमीन पर खेती करने के विकल्प को खोल दिए हैं. वहीं यह युवा किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को धरातल पर साकार करता भी नजर आ रहा है.

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