सरगुजा :छत्तीसगढ़ में परंपरागत खेती के तरीके से अलग कुछ किसान अलग तरह की खेती कर रहे हैं.इस खेती में किसानों को लाखों का मुनाफा भी हो रहा है. अलग फसल और मांग के मुताबिक उत्पादन करके किसान लाभ कमा रहे हैं.लेकिन कुछ किसान ऐसे भी हैं जो मौसमी फसल से भी अच्छी खासी कमाई करते हैं.सरगुजा के सिलफिली में ऐसा ही एक किसान है.जिसने आलू की खेती करके काफी लाभ कमाया है.
किसान की सक्सेस स्टोरी, आलू की खेती ने किसान कृष्णा को बनाया मालामाल, लोगों के लिए बने रोल मॉडल - आलू की खेती
Success story of farmer इंसान यदि चाह ले तो हर काम संभव है.खेती किसानी को पहले घाटे का सौदा माना जाता था.लेकिन जैसे जैसे वक्त बदला खेती करने के तरीके और संसाधनों ने किसानों को लाभ देना शुरू किया.आज कम जमीन पर बंपर फसल उगाकर किसान मालामाल बन रहे हैं.ऐसे ही एक युवा किसान सरगुजा के सिलफिली में हैं.जिन्होंने आलू की खेती से लाखों का मुनाफा कमाया है.Surguja latest news
Published : Nov 22, 2023, 9:04 PM IST
|Updated : Nov 23, 2023, 4:24 PM IST
कौन है युवा किसान ? : जिस युवा किसान की हम बात कर रहे हैं उसका नाम कृष्णा विश्वास है. कृष्णा सरगुजा संभाग के सिलफिली गांव में रहते हैं.कृष्णा की उम्र 28 साल है.लेकिन कृष्णा अपनी इच्छा शक्ति से आज लाखों का मुनाफा खेती से कर रहे हैं.कृष्णा अपने खेतों में आलू की खेती करते हैं. आलू बेचने के अलावा वो इसके बीज को भी मार्केट में बेचते हैं.जिससे इन्हें दोगुना मुनाफा होता है.
"करीब 15 एकड़ जमीन पर आलू की खेती करते हैं.इसके लिए उनके पास खुद की 12 एकड़ जमीन है.जबकि 12 एकड़ जमीन कृष्णा ने लीज पर ले रखी है. 15 एकड़ के बाद बाकी बची 9 एकड़ की जमीन पर कृष्णा धान और मक्के की फसल लेते हैं."-कृष्णा विश्वास, किसान
प्रति एकड़ कितना उत्पादन ? :कृष्णा प्रति एकड़ आलू की खेती में 120 से 150 क्विंटल आलू का उत्पादन करते हैं. मार्केट अच्छा रहने पर आलू का रेट 22 रुपये किलो से शुरू होकर अंत में 10 से 12 रुपये किलो तक जाता है. इस हिसाब से अगर अनुमान लगाया जाए तो सबसे कम कीमत पर भी अगर आलू बिका तो भी कमाई एक लाख से ज्यादा होगी. 15 एकड़ की फसल 22 से 25 लाख की आमदनी दे जाएगी. इस काम को कृष्णा पिछले 12 वर्षों से कर रहे हैं. आलू की खेती के लिए कृष्णा को तीन महीने का वक्त लगता है.तीन माह में ही आलू की फसल तैयार हो जाती है.इसके बाद उसी जमीन पर कृष्णा दूसरी फसल लेते हैं.
एक ही खेत में तीन अलग-अलग फसल :कृष्णा आलू की फसल तैयार होने के बाद खेत में मक्का और इसके बाद धान की फसल लेते हैं. कृष्णा आलू, धान और मक्के की खेती के अलावा आलू के बीज भी बेचते हैं. इस हिसाब से इनका वार्षिक टर्न ओवर 1 करोड़ से भी अधिक का है.आज कृष्णा दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बने हैं.इसलिए ऐसे युवा जिनके पास जमीन है और वो नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं. ऐसे युवा आसानी से खुद की जमीन पर मेहनत करके लाखों रुपए कमा सकते हैं.