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पूर्णिया की बहू बनी दारोगा: ससुराल के ताने सुन हिम्मत नहीं हारी.. ब्यूटी ने शिक्षा को बनाया हथियार - ईटीवी भारत न्यूज

पूर्णिया की बहू ब्यूटी कुमारी बिहार पुलिस की परीक्षा में उत्तीर्ण होकर दारोगा बनी हैं, लेकिन विपरीत परिस्थितियों के बाबजूद दरोगा बनने तक का ये सफर आसान नहीं था. आईये जानते हैं इस कर्मठ और साहसी महिला के ऑफिसर बनने की कहानी-

सफल दारोगा अभ्यर्थी ब्यूटी कुमारी
पूर्णिया की बहू बनी दारोगा

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Published : Jul 22, 2022, 12:05 PM IST

पूर्णियाः पति से तलाक के लिए मिलने वाली रोजाना की धमकी और ससुराल की प्रताड़ना से परेशान, किस्मत को कोस रही ब्यूटी को कहां मालूम था कि मुसीबतों के बादल अब छंट चुके हैं. शिक्षा ने सितम को पटखनी दे दी है. ब्यूटी कुमारी (Beauty Kumari from Purnea) अब सिर्फ जुल्म सहने वाली बहू नहीं रही बल्कि बिहार पुलिस की परीक्षा में उत्तीर्ण होकर दारोगा (Purnea Daughter In Law Became Inspector) जैसे पद पर पहुंचने वाली कर्मठ और साहसी महिला बन चुकी है. ब्यूटी की आखों में उस वक्त खुशी के आंसू भर आए, जब घर वालों ने उसे फोन करके उसके दारोगा बनने की खुशखबरी सुनाई.

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कई रातें बच्चों को साथ भूखे गुजारीः दरअसल, पूर्णिया के बाड़ीहाट इलाके की रहने वाली ब्यूटी कुमारी का जीवन अब तक एक प्रताड़ित बहू के रूप में गुजर रहा था. विपरीत हालातों के बावजूद दरोगा बनने तक का ये सफर आसान नहीं था. इस सपने को सच करने के लिए ब्यूटी को जी तोड़ मेहनत करनी पड़ी. ससुराल और पति से मिलने वाले ताने और गालियां तक सहनी पड़ी. पति की बेरुखी तो कभी पति द्वारा दी जा रही तलाक की धमकियों को शांत रहकर सहना पड़ा. कई ऐसी रातें कटीं जब न सिर्फ वे खुद भूखे पेट सोईं बल्कि बच्चों को भी भूखे पेट सुलाना पड़ा.

2008 में हुई थी ब्यूटी की शादीः गुजरे दिनों को याद कर ब्यूटी बताती हैं कि तब उनकी ग्रेजुएशन पार्ट टू की पढ़ाई चल ही रही थी, साल 2008 में जब वे शादी के बंधन से बंधी. लिहाजा वह भी दूसरी लड़कियों की तरह अपने जीवनसाथी संग सात जन्मों तक साथ रहने का सपना संजोए ससुराल पहुंची, लेकिन एक साल के अंदर ही उनसे यह खुशी छिन गई. साल 2009 में बेटे और साल 2010 में बेटी के जन्म लेने के बाद सात फेरों की कसमें खाने वाले पति ने रंग दिखाना शुरू कर दिया. ससुराल वालों और पति की प्रताड़ना शुरू हो गई. हालात इतने बदतर हो गए कि बच्चों के गुजारे के लिए ब्यूटी हर महीने घर वालों से घरखर्ची लेती रहीं.

2015 में शुरू की बीपीएससी की तैयारीः आगे अपनी कहानी सुनाते हुए ब्यूटी कहतीं हैं कि- बीतते वक्त के साथ हालात और बुरे होते चले गए. रोजाना की मारपीट से भी जब उनके पति का मन नहीं भरा, तो साल 2013 में पति ने बांद्रा कोर्ट में तलाक की अर्जी दे डाली. वे घर वालों की मदद से किसी तरह यह केस लड़ती रहीं, नतीजा यह रहा कि तीन साल के लंबे टर्म के बाद वर्ष 2015 में पति के तलाक के मनसूबों पर पानी फिर गया. हालांकि इस लड़ाई को जीतने के बाद ब्यूटी की परेशानी और अधिक बढ़ गई. अब ब्यूटी को साल 2015 में इस बात का एहसास हुआ कि पढ़ाई ही एक मात्र विकल्प है, जिसके जरिए वे किस्मत के लिखे को काट सकती है. लेकिन पढ़ाई में भी पति और ससुराल वालों ने ब्यूटी को परेशान किया.

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"पति और ससुराल वालों ने पढ़ाई से रोकने की भरसक कोशिश की. कभी गाली-गलौज तो कभी फब्तियां कसी गईं. लेकिन मैंने अपनी बीपीएससी की तैयारी जारी रखी. पहले ही प्रयास में हमने पीटी की परीक्षा पास कर ली. पति और ससुराल वालों के दबाव के कारण मेन्स की परीक्षा में शामिल नहीं हो सकी.पति और ससुराल वाले और ज्यादा प्रताड़ित करने लगे. तमाम चुनौतियों के बावजूद मैंने बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी जारी रखी. कठिन मेहनत और सतत प्रयासों का नतीजा है कि आज मैं इसमें सफल हुई. अब मेरी जिंदगी का लक्षय यही है कि अपनी जैसी दूसरी महिला के लिए हमेशा खड़ी रहूं और इनको इंसाफ दिला संकू"- ब्यूटी कुमारी, सफल दारोगा अभ्यर्थी

समाज के लोगों ने बढ़ाया हौंसलाः ब्यूटी की इस लड़ाई में फरिश्ते बनकर आए दीपक कुमार दीपू और समाज के दूसरे लोगों ने बड़ी मदद की. स्थानीय लगातार ब्यूटी का ढांढ़स बढ़ाते रहें. इस दौरान भाई और घर वालों का भी ब्यूटी को पूरा सपोर्ट मिला. इधर ससुराल वालों के सितम और पति के फर्जी केस के बीच ब्यूटी परिवार परामर्श से लेकर पुलिस का दरवाजा भी खटखटाती रही. इसी बीच ब्यूटी एक प्रताड़ित बहू से अफसर बिटिया बनने में सफल रहीं. बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण कर ब्यूटी कुमारी ने अपना परचम लहराया. अब उनके रिश्तेदार और उन्हें जानने वाले फूले नहीं समा रहे. उनकी कहानी जानने के बाद इस सफलता पर फोन कॉल से लेकर सोशल मीडिया पर बधाई देने वालों की होड़ लगी है.

सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल करें लड़कियांःब्यूटी कहती हैं कि लड़कियों के लिए सबसे जरूरी है कि चाहे जैसे भी हालात हों, उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करनी चाहिए. जब भी समय मिले तैयारी करती रहें. लड़कियों के लिए सेल्फ डिपेंडेंट होना बेहद जरूरी है. आज लड़कियां पढ़ाई से कहीं अधिक तवज्जो सोशल मीडिया और रील को देती हैं. वे अगर मोबाइल और सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल करें, तो ऐसी परिस्थिति आने पर वे किस्मत के लिखे को पलट सकती हैं. वहीं, ब्यूटी की मानें तो वे जिस तुरहा समाज से आती हैं, उस समाज से बिहार में दारोगा बनने वाली पहली महिला हैं. ब्यूटी का कहना है कि अब उनके जीवन का लक्षय ही यही है, कि वो समाज में प्रताड़ित महिलाओं को जितना हो सके इंसाफ दिलाएं और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें.

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