दिल्ली :राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (National Security Advisor Ajit Doval) ने शनिवार को कहा कि सुभाष चंद्र बोस चाहते थे कि भारतीय पक्षियों की तरह आजाद महसूस करें और उन्होंने देश की आजादी से कम पर कभी समझौता नहीं किया. राष्ट्रीय राजधानी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मारक व्याख्यान देते हुए डोभाल ने कहा कि बोस न केवल भारत को राजनीतिक अधीनता से मुक्त करना चाहते थे, बल्कि उन्होंने लोगों की राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मानसिकता को बदलने की आवश्यकता भी महसूस की.
डोभाल ने कहा, नेताजी (सुभाष चंद्र बोस) ने कहा कि मैं पूर्ण स्वतंत्रता से कम किसी भी चीज के लिए समझौता नहीं करूंगा. उन्होंने कहा कि वह न केवल इस देश को राजनीतिक अधीनता से मुक्त करना चाहते थे, बल्कि देश की राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मानसिकता को बदलना भी चाहते थे. उन्होंने कहा किनेताजी को लोगों की क्षमताओं पर बहुत भरोसा था. आज हमारी प्राथमिकता हमारे 1.4 बिलियन नागरिकों को सशक्त बनाने और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की होनी चाहिए.
उन्होंने जीवन के सभी पहलुओं में निरंतर सुधार का आह्वान करते हुए कहा कि आप जहां भी हैं जो भी कुछ कर रहे हैं उसे कल से बेहतर करें. एनएसए ने भारत की अपार मानव संसाधन क्षमता को स्वीकर करते हुए कहा कि हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारा मानव संसाधन हैं- अत्यधिक प्रेरित और प्रतिबद्ध कार्यबल. हमें उन्हें विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कौशल को विकसित करने की आवश्यकता है.