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केंद्र द्वारा निर्यात शुल्क लगाने पर स्टील के शेयर हुए सोमवार को धड़ाम

सरकार द्वारा निर्यात शुल्क लगाने के बाद स्टील शेयरों में खलबली मच गई और शेयर कंपनियों के दामों मे भारी गिरावट दर्ज की गई. जानकार मान रहे हैं कि सरकार ने भारतीय बाजार में स्टील के कीमतों को थामने के लिए किया है परंतु इस निर्णय से देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर असर पडे़गा.

स्टील सेक्टर
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Published : May 23, 2022, 11:47 AM IST

Updated : May 23, 2022, 11:56 AM IST

नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा निर्यात शुल्क लगाए जाने के बाद सोमवार को बाजार खुलते ही स्टील के शेयरों में जबर्दस्त गिरावट दर्ज की गई. एक्सपर्ट के अनुसार इस शुल्क के लगाए जाने से स्टील कंपनियों बड़े पैमाने पर अपनी क्षमता विस्तार की योजनाओं की दोबारा समीक्षा करनी पडे़गी. सरकार ने शनिवार को लौह अयस्क और पेलेट जैसे महत्वपूर्ण इस्पात बनाने वाले कच्चे माल पर भारी निर्यात शुल्क लगाने का फैसला किया. लौह अयस्क के सभी ग्रेड पर निर्यात शुल्क में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. पहले यह शुल्क 30 प्रतिशत थी जो अब बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दी गई.

इसके अलावा सरकार ने हॉट-रोल्ड और कोल्ड-रोल्ड स्टील उत्पादों पर पहले से शून्य से 15 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया है. आयात के मोर्चे पर सरकार ने पीसीआई, मेट कोल और कोकिंग कोल जैसे कुछ कच्चे माल पर आयात शुल्क में कटौती की है. स्टील पर निर्यात शुल्क के परिणामस्वरूप घरेलू आपूर्ति बढ़ने की संभावना है, इस प्रकार भारतीय बाजार में स्टील कीमतों पर थोड़ा अंकुश लगेगा. बता दें कि भारत ने वित्त वर्ष 2022 में 13.5 मिलियन टन (एमटी) तैयार स्टील का निर्यात किया, जबकि वित्त वर्ष 2021 में 10.8 मीट्रिक टन थी. इसी अवधि में घरेलू स्टील की खपत 106 मीट्रिक टन थी जबकि वित्त वर्ष 2021 में 94 मीट्रिक टन थी. वहीं वित्त वर्ष 2022 में भारत का लौह अयस्क निर्यात 15.3 मीट्रिक टन था, जबकि लौह अयस्क छर्रों का 11 मीट्रिक टन था.

घोषणा के बाद, टाटा स्टील के शेयर शुरुआती कारोबारी घंटों के दौरान लगभग 14 प्रतिशत गिरकर 1,007.30 रुपये पर आ गए. जिंदल स्टील एंड पावर 13 फीसदी की गिरावट के साथ 478.90 रुपये पर बंद हुआ था. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) भी 13 फीसदी गिर गया, जबकि जेएसडब्ल्यू स्टील कारोबारी सत्र के दौरान 11 फीसदी गिरा गोदावरी पावर और इस्पात ने 20 फीसदी के लोअर सर्किट को 311.70 रुपये पर छुआ.

ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि स्टील सेक्टर पर सरकार द्वारा लिए गए निर्णय की निगेटिव प्रभाव ज्यादा है. इसके बाद स्प्रेड में और कमी आने की संभावना है, निर्यात कम हो जाएगा और प्रमुख रूप से कैपेक्स योजना प्रभावित हो सकती है. वित्त मंत्रालय द्वारा इस्पात उत्पादों पर निर्यात शुल्क की घोषणा के बाद सीएलएसए ने स्टील शेयरों पर अपने अनुमानों में कटौती की है. इसमें कहा गया है, 'कम कोकिंग कोल और लौह अयस्क घरेलू स्टील की कीमतों को लेकर प्रमुख चिंताएं हैं, जिनके सही होने की संभावना है. ब्रोकरेज कंपनियों ने तीन प्रमुख स्टील काउंटरों- टाटा स्टील (खरीद से अंडरपरफॉर्म तक), जेएसडब्ल्यू स्टील (अंडरपरफॉर्म टू सेल) और जेएसपीएल (खरीद से अंडरपरफॉर्म तक) को डाउनग्रेड किया है.

यह भी पढ़ें-रूस-यूक्रेन के बीच जंग से स्टील की कीमतें प्रति टन 5,000 रुपये बढ़ीं

Last Updated : May 23, 2022, 11:56 AM IST

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