नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा निर्यात शुल्क लगाए जाने के बाद सोमवार को बाजार खुलते ही स्टील के शेयरों में जबर्दस्त गिरावट दर्ज की गई. एक्सपर्ट के अनुसार इस शुल्क के लगाए जाने से स्टील कंपनियों बड़े पैमाने पर अपनी क्षमता विस्तार की योजनाओं की दोबारा समीक्षा करनी पडे़गी. सरकार ने शनिवार को लौह अयस्क और पेलेट जैसे महत्वपूर्ण इस्पात बनाने वाले कच्चे माल पर भारी निर्यात शुल्क लगाने का फैसला किया. लौह अयस्क के सभी ग्रेड पर निर्यात शुल्क में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. पहले यह शुल्क 30 प्रतिशत थी जो अब बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दी गई.
इसके अलावा सरकार ने हॉट-रोल्ड और कोल्ड-रोल्ड स्टील उत्पादों पर पहले से शून्य से 15 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया है. आयात के मोर्चे पर सरकार ने पीसीआई, मेट कोल और कोकिंग कोल जैसे कुछ कच्चे माल पर आयात शुल्क में कटौती की है. स्टील पर निर्यात शुल्क के परिणामस्वरूप घरेलू आपूर्ति बढ़ने की संभावना है, इस प्रकार भारतीय बाजार में स्टील कीमतों पर थोड़ा अंकुश लगेगा. बता दें कि भारत ने वित्त वर्ष 2022 में 13.5 मिलियन टन (एमटी) तैयार स्टील का निर्यात किया, जबकि वित्त वर्ष 2021 में 10.8 मीट्रिक टन थी. इसी अवधि में घरेलू स्टील की खपत 106 मीट्रिक टन थी जबकि वित्त वर्ष 2021 में 94 मीट्रिक टन थी. वहीं वित्त वर्ष 2022 में भारत का लौह अयस्क निर्यात 15.3 मीट्रिक टन था, जबकि लौह अयस्क छर्रों का 11 मीट्रिक टन था.