नई दिल्ली: आर्थिक संकट के बीच, श्रीलंका द्विपक्षीय या बहुपक्षीय माध्यम से आर्थिक समायोजन कार्यक्रम के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन (International Support) हासिल करने में भारत की सहायता मांग रहा है. श्रीलंका दशकों में सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है. और मदद के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ बातचीत करता है. भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त, मिलिंडा मोरागोडा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (High Commissioner met with the Finance and Corporate Affairs Minister of India) से मुलाकात की. बुधवार को, एक बैठक के दौरान, श्रीलंका के उच्चायुक्त मोरागोडा और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चर्चा की कि भारत कैसे द्विपक्षीय और बहुपक्षीय भागीदारों के माध्यम से वित्त और आर्थिक समायोजन कार्यक्रम के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल कर सकता है. इस दौरन भारत-लंका आर्थिक सहयोग की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई. मोरागोडा ने आवश्यक वस्तुओं और ईंधन से श्रीलंका की सहायता करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया.
सूत्रों के मुताबिक, मंत्री और उच्चायुक्त ने इस बात पर चर्चा की कि भारत किस तरह से वित्तिय सहायता जुटाने में श्रीलंका की मदद कर सकता है. सात ही आईएमएफ के साथ आर्थिक समायोजन कार्यक्रम पर बातचीत करने पर भी चर्चा की गई. उच्चायुक्त ने मंत्री को श्रीलंका सरकार द्वारा घोषित ऋण ठहराव के बारे में जानकारी दी. श्रीलंका के वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने अंतरिम अवधि के लिए सभी प्रभावित कर्जो की सामान्य कर्ज अदायगी को तब तक के लिए स्थगित करने का फैसला किया है. एक बयान में, मंत्रालय ने कहा कि आईएमएफ द्वारा समर्थित आर्थिक समायोजन कार्यक्रम के अनुरूप ऋण चुकौती का पुनर्गठन किया जाएगा, जो सभी ऋण चुकौती पर लागू होगा. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि हालांकि, इसने कहा कि क्रेडिट सुविधाएं और मौजूदा क्रेडिट सुविधाओं के तहत वितरित की गई कोई भी राशि इस नीति के अधीन नहीं है और सामान्य रूप से सेवा के योग्य होगी.