नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल में बदलाव की चर्चा है. संभावना है कि उन राज्यों के प्रतिनिधियों को तरजीह दी जाएगी जहां आने वाले समय में चुनाव होने हैं. कुछ ऐसे नेता जो राज्य में जनाधार वाले हैं जिन्हें फिलहाल कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं दी गई है उन्हें भी नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi), गृह मंत्री अमित शाह लगातार वरिष्ठ नेताओं और मुख्यमंत्रियों के संपर्क में हैं. जिन राज्यों से नेताओं को शामिल किया जाना है उन राज्यों के पार्टी प्रभारियों, प्रदेश अध्यक्षों से चर्चा की जा रही है. भाजपा शासित राज्य के मुख्यमंत्रियों से भी चर्चा की जा रही है.
रिपोर्ट कार्ड तय करेगा किसका कटेगा पत्ता!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्री परिषद के अपने सहयोगियों से मुलाकात कर पिछले एक पखवाड़े में समीक्षा बैठक की. ऐसे राज्य मंत्रियों की सूची तैयार की गई है जिनके कार्यों की रिपोर्ट ज्यादा अच्छी नहीं है. सूत्रों की माने तो नरेंद्र मोदी ने अलग-अलग समूहों में केंद्रीय मंत्री परिषद के अपने तमाम सहयोगियों से मुलाकात कर उनसे वन टू वन कार्यों का ब्यौरा भी मांगा था. इस आधार पर सूची तैयार की गई है. जिसमें यह तय किया गया है कि किन मंत्रियों की समीक्षा रिपोर्ट सही नहीं है. उन मंत्रियों के पत्ते काटे जाने की पूरी तैयारी हो चुकी है.
हालांकि सूत्रों की मानें तो ज्यादातर बदलाव राज्य और स्वतंत्र प्रभार के मंत्रियों के स्तर में ही देखा जा सकता है. खास तौर पर सीसीएस यानी कैबिनेट कमेटी और सुरक्षा के अंदर आने वाले बड़े मंत्रालय और उनके कैबिनेट मंत्रियों के पद सुरक्षित रहेंगे.