दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

53वें आईएचजीएफ दिल्ली मेले में नार्थ-ईस्ट और जम्मू कश्मीर के हस्तशिल्प पर फोकस

ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर में 30 मार्च से पांच दिवसीय 53वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला आयोजित किया जाएगा (53rd IHGF-Delhi Fair 2022). मेले में 90 देशों के खरीदार शामिल होने का अनुमान है. सौरभ शर्मा की रिपोर्ट.

53rd IHGF-Delhi Fair 2022
53वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला

By

Published : Mar 24, 2022, 5:31 PM IST

नई दिल्ली : ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर में 30 मार्च से 3 अप्रैल, 2022 तक 53वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला आयोजित किया जाएगा. हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष राज कुमार मल्होत्रा ने इसके बारे में जानकारी दी. राज कुमार मल्होत्रा ने कहा कि इस वर्ष पूर्वोत्तर के साथ जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान, बिहार के हस्तशिल्प पर खास ध्यान होगा. इससे निश्चित तौर पर वहां के हस्तशिल्प और स्थानीय कारीगर उद्योग को बढ़ावा मिलेगा. ये मेला छोटे और मध्यम स्तर के शिल्पकारों को सशक्त बनाएगा.

पांच दिवसीय मेला विदेशी खरीदारों के साथ-साथ बड़े घरेलू वॉल्यूम खुदरा खरीदारों के लिए भी खुला रहेगा. मेले में दुनिया भर के 2500 से ज्यादा हस्तशिल्प निर्यातकों आते हैं. मेले में घर, जीवन शैली, फैशन, वस्त्र और फर्नीचर उत्पादों का प्रदर्शन किया जाता है. मल्होत्रा ​​ने कहा कि यूके, यूएसए, सऊदी अरब, ओमान, जापान, कुवैत, इराक, कतर समेत 90 से अधिक देशों के खरीदारों ने मेले में आने के लिए पहले से पंजीकरण कराया है.

उड़ान की कीमतें सस्ती करने की अपील : बहुप्रतीक्षित पांच दिवसीय मेले में धातु, लकड़ी, कपड़ा, आभूषण, फर्नीचर, फैशन, कालीन, शिक्षा के खिलौने, मोमबत्ती, इत्र आदि सहित हस्तशिल्प दिखाई देगा. इस दौरान साइबर सुरक्षा, हस्तशिल्प क्षेत्र के लिए पैकेजिंग समाधान, सोशल मीडिया प्रचार और कई अन्य विषयों पर सेमिनार भी होंगे. इस उद्योग के महत्व को रेखांकित करते हुए मल्होत्रा ​​ने कहा, कुछ महीने पहले किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि कम से कम 70 लाख छोटे और मध्यम शिल्पकार इस क्षेत्र से जुड़े हैं. ऐसे समय में जब महामारी में गिरावट के बाद से उद्योग बढ़ रहे हैं और 27 मार्च से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू हो रही हैं, इस बात के पुख्ता संकेत हैं कि यह उद्योग को सशक्त बनाएगा. मल्होत्रा ​​ने कहा, 'हमने नागरिक उड्डयन से कीमतें कम करने का भी आग्रह किया है क्योंकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों उड़ानों की कीमतें बढ़ रही हैं.'

मल्होत्रा ​​ने कहा कि चूंकि तेल की कीमतें बढ़ रही हैं, हमारे सामने एक कठिन चुनौती है. कंटेनर लागत सबसे बड़ा मुद्दा है. उत्तर प्रदेश में सब्सिडी दी जा रही है लेकिन यह काफी नहीं है. हम अन्य राज्यों से भी आग्रह करते हैं कि इस तरह के उपाय करें. महामारी में सभी बाधाओं के बावजूद हस्तशिल्प क्षेत्र ने विनिर्माण और निर्यात बनाए रखा है. कोरोना महामारी के दौरान खरीदारों से जुड़े रहने के लिए 52वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला 2021-2022 वर्चुअल तरीके से आयोजित किया गया था.

पीएम के सहयोग के लिए जताया आभार :अप्रैल से फरवरी के दौरान 29626.96 करोड़ रुपये का अनुमानित निर्यात रहा, जो पिछली बार के 25679.98 करोड़ रुपये की तुलना में बहुत अधिक था. मल्होत्रा ​​ने इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम के बारे में भी बताया. मल्होत्रा ​​ने कहा, 'मैं सरकार और पीएम मोदी को उनके निरंतर समर्थन और कड़ी मेहनत के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं.' गौरतलब है कि भारत ने 400 बिलियन अमेरिकी डालर के अपने उच्चतम माल निर्यात लक्ष्य को निर्धारित समय से नौ दिन पहले हासिल कर लिया, जिसकी घोषणा बुधवार को पीएम मोदी ने की थी.

पढ़ें- तमिलनाडु के दो हस्तशिल्प उत्पादों को मिला जीआई टैग

ABOUT THE AUTHOR

...view details