नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session of Parliament) से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार करने के लिए पार्टी के लोकसभा सांसदों के साथ वर्चुअल बैठक (virtual meeting) की.
19 जुलाई से शुरू होने वाले इस मानसून सत्र में कांग्रेस राफेल, कोविड-19 महामारी के कुप्रबंधन, महंगाई, ईंधन की कीमतों में वृद्धि के मुद्दों को बैठक में उठाने जा रही है.
एक सांसद ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि 'सोनिया गांधी ने सभी सांसदों को पूरे सत्र में संसद में उपस्थित रहने के लिए कहा है. उन्होंने यह भी जोर दिया है कि देश के मुद्दों को और अधिक प्रभावी तरीके से उठाने के लिए लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के बीच उचित समन्वय होना चाहिए.'
खड़गे ने महंगाई का मुद्दा उठाने पर दिया जोर
इससे पहले आज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाई, जहां कांग्रेस ने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि और कीमतों में बढ़ोतरी के मुद्दे को उठाने के लिए अपना विचार व्यक्त किया. हालांकि, अन्य विपक्षी दलों ने चल रहे किसानों के आंदोलन पर चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव लाने का इरादा व्यक्त किया.
कांग्रेस के एक सांसद ने बताया कि पार्टी ईंधन की कीमतों में वृद्धि और महंगाई पर पूरी चर्चा और भारत के लोगों के लिए पर्याप्त राहत की मांग करेगी. इससे ये तो तय है कि सदन की कार्यवाही में व्यवधान की आशंका है.
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उधर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा और राज्यसभा में अपने संसदीय पदानुक्रम (Parliamentary hierarchy) का पुनर्गठन किया है, जहां कुछ प्रमुख पदों पर जी-23 के असंतुष्ट नेताओं के नाम शामिल हैं. ये दिलचस्प है. लोकसभा समूह के पुनर्गठन में जिन दो नए चेहरों को शामिल किया गया है, वे शशि थरूर और मनीष तिवारी हैं. इस बीच, राज्यसभा में अंबिका सोनी, पी चिदंबरम और दिग्विजय सिंह को सदस्य बनाया गया है. दूसरी ओर, पार्टी ने स्पष्ट किया कि अधीर रंजन चौधरी संसद के इस सत्र के लिए राज्यसभा में विपक्ष के नेता के पद पर बने रहेंगे.