हैदराबाद : आज देशभर में छोटी दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है, इस दिन भी दीपावली की तरह ही दीप जलाने की परंपरा है. आज कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी है. जिसका बहुत ही अधिक महत्व है. इस खास दिन के महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में बता रहे हैं श्री लोकमंगल अनुसंधान संस्थान चित्रकूट (उ.प्र.) के निदेशक ज्योतिषाचार्य राजेश जी महाराज
आज की चतुर्दशी है खास
ज्योतिष गणना के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पश्र की चतुर्दशी रूप चतुर्दशी या नरक चतुर्दशी कहलाती है. ये पर्व समस्त उपद्रवों से निवृति का दीपदान पर्व है. जो 3 नवंबर, 2021 को मनाया जा रहा है. मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था इसलिये इस तिथि को नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है.
पूजा का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य राजेश जी महाराज के मुताबिक चतुर्दशी तिथी की शुरुआत 3 नवंबर को सुबह 8 बजे के बाद से हो चकी है, जो सुबह 5 बजकर 31 मिनट तक रहेगी. शुभ मुहूर्त शाम 4:50 बजे से 6:15 बजे के बीच है.
सनत कुमार संहिता के अनुसार आज के दिन शरीर पर तेल व उबटन लगाकर स्नान करने का विधान है. सुबह स्नान करने के बाद साफ वस्त्र पहनकर तिलक लगाकर दक्षिण दिसा की ओर मुख करके यम को जल और तिल अर्पण करें.