इस साल खत्म होगा Ayodhya Ram Mandir Nirman का इंतजार, हरिद्वार (उत्तराखंड):श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय हरिद्वार दौरे पर रहे. हरिद्वार में विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय मार्गदर्शक की बैठक में शामिल होने के बाद चंपत राय प्राचीन अवधूत मंडल के महंत स्वामी रूपेंद्र प्रकाश से मिलने उनके आश्रम पहुंचे. इस दौरान चंपक राय ने राम मंदिर निर्माण पर बयान भी दिया. उन्होंने कहा कि लाखों करोड़ों श्रद्धालु जो कि राम मंदिर का इंतजार कर रहे हैं, उनका इंतजार इसी साल खत्म हो जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन के समय जो वातावरण होगा, वो अकल्पनीय होगा.
इस तरह से तैयार हो रहा राम मंदिरःश्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव और विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर पत्थरों का मंदिर तैयार किया जा रहा है. मंदिर निर्माण में गिट्टी, सरिया, रेत, बजरी का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. राम मंदिर की नींव, खंबे, भीम पत्थर के हैं. राम मंदिर 392 खंभों पर टिका होगा.
तीन मंजिला मंदिर की लंबाई पूरब से पश्चिम तक करीब 350 फीट हैं. जबकि, उत्तर से दक्षिण तक चौड़ाई 250 से ज्यादा है. जमीन से शिकार की ऊंचाई 161 फीट है. उन्होंने बताया कि राम मंदिर के भूतल का निर्माण तेज गति से हो रहा है. भूतल में खंभे, खंभे के ऊपर भीम, भीम के ऊपर छत के पत्थर रखने का काम चल रहा है. गर्भ गृह में मकराना का सर्वोत्तम क्वालिटी का सफेद मार्बल लगाया गया है.
इसके अलावा सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र से मंगाई गई है. लकड़ी से दरवाजे बन रहे हैं और दरवाजों की नक्काशी का काम चल रहा है. चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण का कार्य संतोषजनक चल रहा है. राम लाल की मूर्ति स्थापना के बाद प्रत्येक राम भक्त जो देश में हैं या विदेश में हैं, वो नवनिर्मित राम मंदिर में राम लाल के दर्शन कर सकेगा.
श्रीराम मंदिर की ताजा तस्वीर. तांबे की पत्तियों से हो रहा है पत्थर जोड़ने का कामःचंपत राय ने बताया कि राम मंदिर में किसी भी तरह का सीमेंट और कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. बल्कि, पत्थरों को जोड़ने का कार्य तांबे की पत्तियों से किया जा रहा है. पूरे मंदिर में ग्रेनाइट पत्थर का इस्तेमाल ज्यादा किया जा रहा है. अगर फर्श की बात करें तो 21 फीट का फर्श राम मंदिर निर्माण के लिए बनाया जा रहा है. जिसमें से 5 फीट जमीन के अंदर होगा और 16 फीट जमीन के बाहर होगा.
उत्तर भारत के किसी मंदिर में नहीं हुई इतनी नक्काशीःचंपत राय ने बताया कि पूरे उत्तर भारत में इस तरह की नक्काशी वाला कोई भी मंदिर बना नहीं है. ऐसा कहा जा सकता है कि जब भी राम मंदिर तक बनकर तैयार होगा, जो भी उस राम मंदिर को देगा देखेगा, उसके लिए अद्भुत और आश्चर्यजनक ही होगा.
साध्वी ऋतंभरा ने दिए राम मंदिर के लिए 1 करोड़ रुपएःवहीं, आज विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के दूसरे दिन हरिद्वार में स्वामी अवधेशानंद गिरी, साध्वी ऋतंभरा भी शामिल हुए. इस दौरान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के लिए साध्वी ऋतंभरा ने एक करोड़ रुपए का चेक चंपत राय को सौंपा.