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उत्तर प्रदेश : मच्छरदानी वाली पालकी में झूला झूलेंगे कान्हा - श्रीकृष्ण की मच्छरदानी

धर्मनगरी वाराणसी में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर बाजार सज चुके हैं. इस बार कान्हा के लिए कारीगरों ने अनोखी पालकी तैयार की है. डेंगू के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए बाजारों में श्रीकृष्ण के लिए मच्छरदानी वाली पालकी उपलब्ध है.

मच्छरदानी वाली पालकी में झूला झूलेंगे कान्हा
मच्छरदानी वाली पालकी में झूला झूलेंगे कान्हा

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Published : Aug 27, 2021, 8:07 PM IST

वाराणसी :श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर बाजारों में रंगत दिखने लगी है. कृष्ण लीलाओं के सभी सजावटी सामानों से बाजार भरा हुआ है. भगवान श्रीकृष्ण का मुकुट, मूर्ति, और विशेष तौर पर बनाई गई पालकी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. वहीं, काशी में डेंगू का प्रकोप देखते हुए श्रीकृष्ण की मच्छरदानी वाली पालकी दुकानों पर उपलब्ध हैं, जो भक्तों को अपनी तरफ लुभा रही हैं. दरअसल, जिले में डेंगू ने अपना पैर पसार हुआ है, ऐसे में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए कारीगरों ने श्रीकृष्ण की मच्छरदानी वाली पालकी तैयार की है.

बता दें कि काशी के बाजारों में रंग-बिरंगे सामानों के बीच श्रीकृष्ण के लिए विशेष तौर पर तैयार की गई मच्छरदानी लगी हुई हैं. इस मच्छरदानी के बीच में ठाकुरजी विराजमान हैं. इस पालकी के चारों तरफ मच्छरदानी लगाई गई है, जोकि कौतूहल का विषय बनी हुई है.

दुकानदार गणेश कुमार का कहना है कि भगवान हमेशा भक्तों को एक संदेश देते हैं. ऐसे में इस बार भी डेंगू के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए श्रीकृष्ण की खास पालकी कारीगरों ने तैयार की है. उन्होंने बताया कि इस समय बनारस में डेंगू फैला हुआ है, ऐसे में जब यह पालकी घर-घर जाएगा तो लोग साफ-सफाई और मच्छर से बचाव के उपायों को लेकर जागरूक होंगे. उन्होंने बताया कि लकड़ी से बनी पालकी में गद्दे, तकिया के साथ लाइट भी लगाई गई हैं.

मच्छरदानी वाली पालकी में झूला झूलेंगे कान्हा

जन्माष्टमी की तैयारियों को लेकर बाजारों में लोग रुख करने लगे हैं. इस दौरान श्रीकृष्ण के लिए विशेष तौर पर तैयार की गई मच्छरदानी वाले पालकी की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं और खरीद भी रहे हैं. ग्राहकों का कहना है कि ठाकुरजी की यह अनोखी पालकी है. इस अनोखी पालकी से समाज में डेंगू के प्रति जागरूकता आएगी.

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बता दें कि धर्म नगरी में हमेशा भक्ति की जो तस्वीर होती है, वह सबसे अलग और सबसे अनोखी मानी जाती है. इसका एक उदाहरण जन्माष्टमी का अवसर है. इस वर्ष भी मच्छरदानी वाली पालकी द्वारा समाज को सन्देश दिया जा रहा है, ताकि लोग अपनी सुरक्षा को लेकर जागरूक रहें.

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