भोपाल:दिल्ली में जारी मध्य प्रदेश सुशासन और विकास रिपोर्ट 2022 की लांचिंग पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज से 15 वर्ष पहले मध्यप्रदेश बीमारू राज्य कहलाता था, लेकिन हमारी सरकार ने कई क्षेत्रों में विकास और प्रगति के लगातार प्रयास किए. जिनका परिणाम यह है कि मध्यप्रदेश पहले विकासशील राज्य बना और अब विकसित प्रदेशों की पंक्ति में खड़ा है. मध्यप्रदेश अब आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है. लेकिन सीएम और एमपी की विकास रिपोर्ट पर सवाल खड़ा करते हैं प्रदेश के किसानों के हालात. किसानों की आय दोगुना करने का संकल्प करने वाली बीजेपी की सरकार अब तक किसानो की आय नहीं बढा पाई है.
क्या कहती है संसद की स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट
सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने का संकल्प तो दोहराती रहती है, लेकिन हकीकत इससे उलट है. सच यह है कि एमपी के किसानों की आय में प्रति महिने 1401 रुपए की कमी आई है. 2015-16 में एक किसान परिवार की आय जहां 9740 रुपए थी जो अब घटकर 2018 -19 में 8339 रुपए प्रति महीने रह गई है. खास बात यह है कि प्रदेश से लगे छत्तीसगढ़ और राजस्थान के किसानों की आय में बढ़ोत्तरी हुई है. 24 मार्च 2022 को कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण पर गठित संसद की स्टैंडिंग कमेटी ने लोकसभा और राज्यसभा में एक रिपोर्ट पेश की. जिसमें ये खुलासा हुआ है कि राजस्थान में 2015-16 में एक किसान की मासिक आय 7,743 रुपए थी, जो 2018-19 में 12,520 हो गई. छत्तीसगढ़ में किसान की आय में 3,755 रुपए की बढ़ोतरी हुई है.
क्यों नहीं बढ़ रही किसान की आय
किसानों की आय बढाने के लिए स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट में कई सुझाव दिए गए और यह भी बताया गया कि आखिर किसानों की आय क्यों नहीं बढ़ रही है. कृषि विशेषज्ञ और स्टडी बताती है कि इसकी प्रमुख वजह है-
-किसान अभी भी पारंपरिक खेती पर भरोसा कर रहे हैं , जिससे किसान की आय नहीं बढ़ पा रही है.
- किसानों को अपनी आय बढ़ानी है तो परंपरागत खेती छोड़नी होगी, उन्नत खेती की तरफ बढ़ना होगा.
- इसे लेकर संसदीय समिति ने सरकार के सामने तमाम स्ट्डीज भी पेश की हैं.
-खास बात यह है कि किसानों की आय में ये कमी तब आई है, जब केंद्र सरकार 20 योजनाएं चला रही है तो वहीं मप्र सरकार भी किसानों के करीब एक दर्जन योजनाएं चला रही है.
-किसानों की आय में यह कमी मध्यप्रदेश के अलावा प्रधान झारखंड, ओडिशा और नगालैंड में दर्ज की गई है.
- कृषि क्षेत्र के एक्सपर्ट भी यही मानते हैं कि परंपरागत खेती का तरीका छोड़े बगैर किसानों की आय नहीं बढ़ सकती.
स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य कैलाश सोनी कहते हैं-एमपी में किसानों की आय बढाने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य की मदद की है.