बेंगलुरु :कर्नाटक चुनाव में इस बार शिवमोगा जिले की शिकारीपुरा सीट चर्चा में है. ये विधानसभा क्षेत्र भाजपा का गढ़ रहा है. यहां भाजपा पिछले 40 साल से काबिज है, लेकिन इस बार माना जा रहा है कि यहां मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yeddyurappa) इस बार चुनाव मैदान में नहीं हैं, बल्कि उनकी जगह उनका बेटा चुनाव लड़ रहा है. अपने कड़े संघर्ष से शिकारीपुरा नगर पालिका से लेकर विधानसभा तक का सफर तय करने वाले आरएसएस कार्यकर्ता बुकानाकारे सिद्धलिंगप्पा येदियुरप्पा (बीएसवाई) इस बार चुनावी राजनीति से दूर हैं. उन्होंने बी वाई विजयेंद्र को अपना उत्तराधिकारी बनाया है. बीएसवाई ने पिछले साल अंजनापुर में घोषणा की थी कि वह चुनावी राजनीति से हट जाएंगे, उन्होंने अपना वादा निभाया और अपने बेटे को शिकारीपुर से ही चुनाव लड़ाने में सफल रहे. यह पहली बार है जब बीएसवाई चुनाव में खड़े नहीं हुए.
पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा का कहना है कि 'इस बार मैं चुनाव नहीं लड़ रहा हूं, विजयेंद्र इस निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं. मैं शिकारीपुरा निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से अपील करता हूं कि इस बार उन्हें बहुत बड़े अंतर से चुनें.'
विजयेंद्र शिकारीपुरा विधानसभा से आधिकारिक तौर पर चुनावी मैदान में उतर गए हैं. पार्टी कार्यकर्ताओं की जिद और उनके पिता के आशीर्वाद पर पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है. विजयेंद्र ने अपने पिता की इच्छा के अनुसार क्षेत्र में राजनीतिक प्रभाव दिखाया भी है.
विजयेंद्र ने जब नामांकन किया तो हजारों की संख्या में जनता और कार्यकर्ता इकट्ठा हुए. नामांकन दाखिल करने के बाद से ही विजयेंद्र जीत के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं. विजयेंद्र ने आरक्षण का कड़ा विरोध करने वाले बंजारा और वाल्मीकि नेताओं को भी जुटाकर अपनी ताकत दिखाई है.
विजयेंद्र जनता से एक बार सेवा का मौका देने के अपील कर रहे हैं. विजयेंद्र अपने पिता येदियुरप्पा की विकास परियोजना और अपने भाई सांसद राघवेंद्र की सिंचाई परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के नाम पर वोट मांग रहे हैं. वह शिवमोगा-शिकारीपुर-रानीबेन्नूर रेलवे लाइन के शुभारंभ सहित अन्य मुद्दों पर निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं.