मुंबई: एनसीपी चीफ शरद पवार ने अध्यक्ष पद छोड़ने की बात कहकर सभी को चौंका दिया है. पवार के ऐलान के बाद से उन्हें मनाने का दौर चल रहा है. दरअसल पवार ने अपनी अपडेटेड आत्मकथा के विमोचन के दौरान तब सबको हैरत में डाल दिया जब उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि अध्यक्ष पद कोई और संभाले. इसके बाद से महाराष्ट्र की राजनीति गर्मा गई है. पवार के भतीजे अजित पवार का भी बयान सामने आया है (Sharad Pawar Ajit Pawars News).
अजित ने कहा कि इस मौके पर कार्यकर्ताओं को भावना में बहने की जरूरत नहीं है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस का उदाहरण दिया कि पार्टी में नेतृत्व का बदलाव समय पर होना चाहिए, नहीं तो कांग्रेस जैसा हाल होगा.
अजित के इस बयान से साफ हो गया है कि वह भी कहीं न कहीं नेतृत्व में बदलाव की वकालत कर रहे हैं. बीते दिनों अटकलें लगाई जा रही थीं कि अजित पवार भाजपा में शामिल हो सकते हैं, हालांकि बाद में उन्होंने कहा था कि इन खबरों में सच्चाई नहीं है.
उधर, पवार की अपडेटेड आत्मकथा की बात की जाए तो महाराष्ट्र के वरिष्ठ राजनेता शरद पवार ने खुलासा किया है कि जिस दिन उनके भतीजे अजित पवार ने 2019 में अचानक भाजपा के देवेंद्र फडणवीस के साथ शपथ ली थी, उस दिन क्या हुआ था. शरद पवार ने अपने पूर्व सहयोगी शिवसेना को 'समाप्त' करने के भाजपा के प्रयासों के बारे में भी बात की.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता शरद पवार लिखते हैं कि जब उन्हें पता चला कि उनका भतीजा राजभवन में 'शपथ ले रहा है' तो वे 'हैरान' थे. पवार ने अपने संस्मरण के दूसरे भाग में कहा, '23 नवंबर 2019 को सुबह करीब 6.30 बजे जब मुझे फोन आया कि अजीत और राकांपा के कुछ विधायक राजभवन में हैं और अजित, फडणवीस के साथ शपथ ले रहे हैं, तो मैं चौंक गया.'
अजित के वापस लौटने का किया जिक्र :उन्होंने लिखा, 'जब मैंने राजभवन में मौजूद कुछ विधायकों को फोन किया तो मुझे पता चला कि केवल 10 विधायक वहां पहुंचे हैं और उनमें से एक ने मुझसे कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि मैं इसका समर्थन करता हूं. लेकिन यह भाजपा की योजना थी.'