दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

आरक्षण सीमा हटाने के वास्ते कानून लाए केंद्र सरकार : पवार - आरक्षण पर सीमा हटाने के वास्ते कानून

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने केंद्र सरकार से आरक्षण सीमा को हटाने और राज्यों को मौजूदा कोटा सीमा को पार करने की अनुमति देने के लिए एक कानून बनाने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा, जब तक 50 प्रतिशत की सीमा में ढील नहीं दी जाती, तब तक मराठा कोटा बहाल नहीं किया जा सकता है.

शरद पवार
शरद पवार

By

Published : Aug 17, 2021, 4:34 AM IST

मुंबई :राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने केंद्र से आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय द्वारा अनिवार्य 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने और राज्यों को मौजूदा कोटा सीमा को पार करने की अनुमति देने के लिए एक कानून बनाने के लिए कहा.

पवार ने यह भी कहा कि पिछले सप्ताह राज्यसभा में हंगामे के दौरान मार्शलों द्वारा बल प्रयोग सांसदों और लोकतंत्र पर 'एक हमला' था. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सात केंद्रीय मंत्रियों को मीडिया के सामने अपने रुख को सही ठहराने के लिए मैदान में उतारा, जो यह दर्शाता है कि वे एक कमजोर विकेट पर थे.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संविधान किसी भी फैसले से बड़ा है और मोदी सरकार से नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा में ढील देने और राज्यों को मौजूदा कोटा सीमा को पार करने की अनुमति देने के लिए एक संवैधानिक संशोधन लाने के लिए कहा.

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 15(4) और 16(4) (सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए प्रावधान और आरक्षण से संबंधित) कोटा के प्रतिशत की कोई सीमा नहीं है और इसे बढ़ाने में कोई संवैधानिक बाधा नहीं है.

पवार ने केंद्र से जाति आधारित जनगणना करने को कहा और दावा किया कि केंद्र सरकार ने आरक्षण के मुद्दे पर लोगों को गुमराह किया है. उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ जनमत तैयार करेगी. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी दावा किया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने आरक्षण के मुद्दे पर लोगों को गुमराह किया है.

उन्होंने कहा, ओबीसी की सूची तैयार करने संबंधी दो साल पहले छीने गये राज्यों के अधिकार को बहाल करने का संवैधानिक संशोधन महज दिखावा है.

पवार ने कहा, जब तक 50 प्रतिशत की सीमा में ढील नहीं दी जाती, तब तक मराठा कोटा बहाल नहीं किया जा सकता है. इसी तरह, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) पर प्रायोगिक आंकड़े राज्यों के साथ साझा किये जाने चाहिए. जब तक आंकड़े उपलब्ध नहीं होंगे, तब तक यह पता नहीं चल सकता है कि छोटी जातियों को कितना प्रतिनिधित्व देने की जरूरत है.

पवार ने कहा कि ज्यादातर राज्यों में आरक्षण 60 फीसदी से ऊपर है. उन्होंने कहा, मोदी के सामने बोलने के लिए किसी को तो हिम्मत दिखानी होगी. संविधान संशोधन का एकमात्र मकसद धोखा है.

यह भी पढ़ें- पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर कब्जा कर सकता है तालिबान !

गौरतलब है कि 10 अगस्त को, लोकसभा ने राज्यों को यह तय करने की अनुमति देते हुए एक विधेयक पारित किया कि उनके यहां ओबीसी कौन हैं. 127वां संविधान संशोधन अधिनियम, 2021, सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) की पहचान करने के लिए राज्यों की शक्ति को पुन: बहाल करता है.

भारत को विदेश नीति की समीक्षा करने की जरूरत
अफगानिस्तान पर तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने के मद्देनजर पवार ने कहा कि सभी पड़ोसी देशों के बारे में भारत को अपनी विदेश नीति की समीक्षा करने की जरूरत है. अफगानिस्तान संकट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, हमें सतर्क रहना चाहिए और दीर्घावधि के लिए एहतियात बरतनी चाहिए. एक वक्त था जब चीन और पाकिस्तान को छोड़कर अन्य पड़ोसी देशों से हमारे रिश्ते अच्छे थे.

अफगानिस्तान की सरकार गिरने और राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद तालिबान आतंकवादियों ने राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया. पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा, दूसरे देशों को लेकर अपनी विदेश नीति में समीक्षा करने का समय आ गया है. स्थिति ठीक नहीं है, लेकिन यह संवेदनशील मामला है. हम सरकार के साथ सहयोग करेंगे क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details