श्रीनगर : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी ने देश में धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को मजबूत करने के लिए व्यापक धर्मनिरपेक्ष मोर्चे की आवश्यकता पर जोर दिया. साथ ही कहा कि अमेरिकी हितों के लिए देश ने स्वतंत्र विदेश नीति खो दी है. येचुरी गुरुवार को श्रीनगर में पार्टी के नेता एम वाई तारिगामी के आवास पर संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से बात कर रहे थे.
येचुरी ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि देश और संविधान को बचाने और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अलग-थलग कर हराने के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतें एकजुट हों. उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूत करना होगा और देश को एक व्यापक धर्मनिरपेक्ष मोर्चे की जरूरत है. वरिष्ठ नेता ने विदेश नीति के लिए मोदी सरकार की आलोचना की. येचुरी ने तर्क दिया, विदेश नीति भारत की पारंपरिक स्वतंत्र स्थिति से पीछे हटकर अमेरिकी हितों के अधीन हो गई है. इसमें भारत को अमेरिका की वैश्विक रणनीतिक चिंता का 'जूनियर पार्टनर' बना दिया गया है.
उन्होंने कहा, 'भारत अब पूरी तरह से अमेरिकी विदेश नीति के साथ जुड़ गया है. मोदी सरकार अमेरिकी रणनीतिक और सैन्य गठबंधनों में शामिल है, चाहे वह क्वाड हो या इंडो-पैसिफिक या क्षेत्रीय संयुक्त सैन्य अभ्यास या रक्षा खरीद - उनके संबंधों को मजबूत किया गया है.' उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध को लेकर भी विदेश नीति में 'दुविधा' है. कम्युनिस्ट नेता येचुरी पार्टी के 12वें जम्मू-कश्मीर राज्य सम्मेलन में भाग लेने के आए थे. उन्होंने 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (SC) में जल्द सुनवाई की मांग की.
येचुरी ने बीरभूम हिंसा की निंदा की :मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में आठ लोगों की हत्या की निंदा करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी द्वारा 'प्रायोजित' हिंसा बंद होनी चाहिए. येचुरी ने कहा, 'हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. हिंसा का यह मार्ग भाजपा और टीएमसी, दोनों द्वारा प्रायोजित है. भाजपा त्रिपुरा में माकपा के खिलाफ ठीक यही काम कर रही है. राजनीति में हिंसा और आतंक के इस चलन को खत्म करना होगा.'
ऐसी हत्याओं की जांच की घोषणा को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधते हुए माकपा नेता ने कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) राज्य में 'सूचना और सच्चाई के दमन' के लिए है. उन्होंने कहा, 'वे जांच का आदेश देते हैं, एसआईटी का गठन करते हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार की एसआईटी का मतलब सूचना और सच्चाई का दमन है. यह जांच के लिए नहीं है, बल्कि सच्चाई को दबाने के लिए है.'