देहरादून (उत्तराखंड): उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में तीन दिन से 40 मजदूर फंसे हुए हैं. उन्हें बचाने की मुहिम जारी है. तमाम रेस्क्यू टीम किसी भी तरह से टनल में फंसे हुए लोगों को निकालने में जुटी हुई हैं. मौके पर उत्तराखंड एसडीआरएफ की टीम भी मोर्चा संभाले हुए है. इतना ही नहीं खुद एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा मौके पर डटे हैं. आज उन्होंने पाइप के माध्यम से फंसे हुए मजदूरों से बातचीत की. उधर से कम आवाज आ रही है. इसके बावजूद राहत एवं बचाव में लगी टीमों को काफी उम्मीद बंधी हुई हैं.
बता दें कि उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा और बड़कोट के बीच टनल धंस गयी थी. जिसकी वजह से दीपावली की सुबह करीब साढ़े पांच बजे से टनल में 40 मजदूर फंसे हुए हैं. जिन्हें बचाने और निकालने का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है. वॉकी टॉकी से कभी कभार मजदूरों से बात हो पा रही है, लेकिन ज्यादातर समय वॉकी टॉकी काम नहीं कर रहा है. ऐसे में पाइप लाइन 'लाइफ लाइन' बने हुए हैं. इन पाइपों के जरिए ही खाने पीने का सामान भेजा जा रहा है. साथ ही टनल में ये पाइप दूरभाष का काम भी कर रहे हैं. उधर से अगर किसी को परेशानी होती है तो वो पाइप के जरिए रेस्क्यू टीमों तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं.
एसडीआरएफ कमांडेंट से बोले फंसे मजदूर, ऑक्सीजन की कमी मत होने देना: इसी पाइप के जरिए एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने फंसे हुए लोगों से बातचीत की. साथ ही उन्हें किस तरह की जरूरत सबसे ज्यादा है, इसकी जानकारी ली. इसके बाद फंसे हुए लोगों को खाद्य सामग्री में चना, बादाम, बिस्कुट, ओआरएस, सिरदर्द, बुखार आदि की दवाई के साथ पानी की बोतल भिजवाई जा रही है. हर 10 से 15 मिनट बाद उन लोगों से बातचीत करने का सिलसिला जारी है और बारी-बारी से वो लोग अपनी बात भी पहुंचा रहे हैं.
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