मिर्जापुर :भारत में आज भी सबसे अधिक किसी क्षेत्र में काम करने की जरूरत है तो वह है शिक्षा और स्वास्थ्य. एजुकेशन सेक्टर को जहां बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है, वहीं बच्चों को पढ़ाई के प्रति आकर्षित करने के लिए नए तौर-तरीके आजमाने की भी आवश्यकता है. मिर्जापुर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय जासा बघौरा में बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए प्रयोग किए जा रहे हैं. यहां के एक टीचर सत्येंद्र कुमार सिंह कौन बनेगा इंटेलिजेंट चाइल्ड क्विज कराते हैं. कौन बनेगा करोड़पति के तर्ज पर डिजाइन किए गए इस क्विज में बच्चे बढ़ चढ़कर शामिल होते हैं. बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इस क्विज कॉम्पिटिशन को लेकर बच्चों में उत्साह देखा जा रहा है. उन्हें इस प्रोग्राम के माध्यम से सीखने को मिल रहा है.
उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूल में शिक्षा व्यवस्था को लेकर अक्सर सवाल खड़े किए जाते हैं. कभी-कभी ऐसी खबरें भी सामने आती हैं जो तारीफ के काबिल होती हैं. कुछ ऐसा ही मिर्जापुर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय जासा बघौरा में हो रहा है. इस स्कूल के टीचर सत्येन्द्र कुमार सिंह ने पढ़ाने का तरीका बदल दिया हैं. उनके एक आइडिया ने पढ़ाई भी बच्चों के लिए आसान हो गई है. अब वह गुरुजी के सवालों को लेकर बोर नहीं होते बल्कि जवाब देने के मौके तलाशते हैं. दरअसल सत्येंद्र कुमार सिंह ने बच्चों को बढ़ाने के लिए मशहूर क्विज शो स्कूल में कौन बनेगा करोड़पति के तर्ज में कौन बनेगा इंटेलिजेंट चाइल्ड डिजाइन किया है. जहां वह खुद होस्ट की सीट पर बैठते हैं और बच्चे हॉट सीट पर बैठकर सवालों का जवाब देते हैं.
कौन बनेगा इंटेलिजेंट चाइल्ड के बारे में जानें : हॉट सीट पर बैठने वाले बच्चे भी केबीसी के स्टाइल में ही चुने जाते हैं. सत्येंद्र सबसे पहले क्लास के बच्चों के बीच एक सवाल पूछकर फास्ट फिंगर टेस्ट लेते हैं. जो छात्र सबसे पहले सही उत्तर देता है, उसे हॉट सीट पर बुलाया जाता है. इस खेल में कुल चार पड़ाव होते हैं. हॉट सीट पर आए बच्चे से 10 क्वेश्चन पूछे जाते हैं. पहला पड़ाव पार करने पर गुड चाइल्ड का अवॉर्ड मिलता है. दूसरे पड़ाव पर बेटर चाइल्ड और तीसरे पर बेस्ट चाइल्ड का खिताब मिलता है. चौथा पड़ाव पार करते ही छात्र को इंटेलिजेंट चाइल्ड का प्रमाण पत्र मिल जाता है. केबीसी की तरह हॉट सीट पर बैठे छात्र को तीन लाइफ लाइन भी दी जाती हैं. एक फोनो फ्रेंड्स, दूसरा फिफ्टी फिफ्टी और तीसरी ऑडिएंस की राय होती है. छात्र इस खेल के लिए बेसब्री से हर शनिवार को इंतजार करते रहते हैं और पूरे सप्ताह इसके लिए तैयारी करते हैं.