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बच्चों के लिए KBC से कम नहीं है मिर्जापुर के सरकारी स्कूल में होने वाला KBIC - मिर्जापुर के सरकारी स्कूल

बच्चों को पढ़ाने के लिए जरूरी है कि उनमें पढ़ाई के प्रति रुचि पैदा की जाए. अक्सर सरकारी स्कूलों में ऐसा सिस्टम देखने को नहीं मिलता है. मगर मिर्जापुर के एक सरकारी स्कूल में कौन बनेगा करोड़पति ( KBC) प्रोग्राम के तर्ज पर कौन बनेगा इंटेलिजेंट चाइल्ड यानी KBIC (Kaun Banega Intelligent Child) जैसी क्विज आयोजित की जा रही हैं. शिक्षा में यह प्रयोग कितना सफल है..देखें रिपोर्ट.

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बच्चों को पढ़ाने का नया तरीका

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Published : Feb 14, 2023, 6:16 PM IST

बच्चों को पढ़ाने का नया तरीका

मिर्जापुर :भारत में आज भी सबसे अधिक किसी क्षेत्र में काम करने की जरूरत है तो वह है शिक्षा और स्वास्थ्य. एजुकेशन सेक्टर को जहां बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है, वहीं बच्चों को पढ़ाई के प्रति आकर्षित करने के लिए नए तौर-तरीके आजमाने की भी आवश्यकता है. मिर्जापुर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय जासा बघौरा में बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए प्रयोग किए जा रहे हैं. यहां के एक टीचर सत्येंद्र कुमार सिंह कौन बनेगा इंटेलिजेंट चाइल्ड क्विज कराते हैं. कौन बनेगा करोड़पति के तर्ज पर डिजाइन किए गए इस क्विज में बच्चे बढ़ चढ़कर शामिल होते हैं. बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इस क्विज कॉम्पिटिशन को लेकर बच्चों में उत्साह देखा जा रहा है. उन्हें इस प्रोग्राम के माध्यम से सीखने को मिल रहा है.

उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूल में शिक्षा व्यवस्था को लेकर अक्सर सवाल खड़े किए जाते हैं. कभी-कभी ऐसी खबरें भी सामने आती हैं जो तारीफ के काबिल होती हैं. कुछ ऐसा ही मिर्जापुर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय जासा बघौरा में हो रहा है. इस स्कूल के टीचर सत्येन्द्र कुमार सिंह ने पढ़ाने का तरीका बदल दिया हैं. उनके एक आइडिया ने पढ़ाई भी बच्चों के लिए आसान हो गई है. अब वह गुरुजी के सवालों को लेकर बोर नहीं होते बल्कि जवाब देने के मौके तलाशते हैं. दरअसल सत्येंद्र कुमार सिंह ने बच्चों को बढ़ाने के लिए मशहूर क्विज शो स्कूल में कौन बनेगा करोड़पति के तर्ज में कौन बनेगा इंटेलिजेंट चाइल्ड डिजाइन किया है. जहां वह खुद होस्ट की सीट पर बैठते हैं और बच्चे हॉट सीट पर बैठकर सवालों का जवाब देते हैं.

कौन बनेगा इंटेलिजेंट चाइल्ड के बारे में जानें : हॉट सीट पर बैठने वाले बच्चे भी केबीसी के स्टाइल में ही चुने जाते हैं. सत्येंद्र सबसे पहले क्लास के बच्चों के बीच एक सवाल पूछकर फास्ट फिंगर टेस्ट लेते हैं. जो छात्र सबसे पहले सही उत्तर देता है, उसे हॉट सीट पर बुलाया जाता है. इस खेल में कुल चार पड़ाव होते हैं. हॉट सीट पर आए बच्चे से 10 क्वेश्चन पूछे जाते हैं. पहला पड़ाव पार करने पर गुड चाइल्ड का अवॉर्ड मिलता है. दूसरे पड़ाव पर बेटर चाइल्ड और तीसरे पर बेस्ट चाइल्ड का खिताब मिलता है. चौथा पड़ाव पार करते ही छात्र को इंटेलिजेंट चाइल्ड का प्रमाण पत्र मिल जाता है. केबीसी की तरह हॉट सीट पर बैठे छात्र को तीन लाइफ लाइन भी दी जाती हैं. एक फोनो फ्रेंड्स, दूसरा फिफ्टी फिफ्टी और तीसरी ऑडिएंस की राय होती है. छात्र इस खेल के लिए बेसब्री से हर शनिवार को इंतजार करते रहते हैं और पूरे सप्ताह इसके लिए तैयारी करते हैं.

शिक्षक के पढ़ाने के तरीके को देखकर विद्यालय में पढ़ रहे बच्चे भी खुश हैं. छात्रा सकीना बानो ने कहा कि बच्चे हर शनिवार को क्विज प्रोग्राम का इंतजार करते हैं. कौन बनेगा इंटेलिजेंट चाइल्ड प्रोग्राम से हम लोगों की ज्ञान बढ़ रहा है. अभी तक हम लोग टीवी में कौन बनेगा करोड़पति देखा करते थे. यहां भी उसी तरह से पढ़ाई होती है. अभिभावक नीतिश कुमार दुबे ने कहा कि इस स्कूल के शिक्षक बहुत मेहनत कर रहे हैं. बच्चे अच्छे से पढ़ रहे हैं. यह स्कूल अब किसी कॉन्वेंट स्कूल से कम नहीं है.

स्कूल में बढ़ी बच्चों की तादाद : कौन बनेगा इंटेलिजेंट चाइल्ड को होस्ट कर रहे शिक्षक सतेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि कमजोर वर्ग से छात्र इस विद्यालय में पढ़ने आते हैं. इन बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि नहीं होती है. ऐसे बच्चों को विद्यालय और पढ़ाई से जोड़ने के लिए बड़ी मेहनत करनी पड़ती है. मुझे लगा कि ज्ञान के साथ मनोरंजन का कम्युनिकेशन बना दें तो बच्चे हमारे साथ जुड़ेंगे. केबीआईसी का प्रोग्राम तैयार किया गया है. यह क्विज कार्यक्रम प्रत्येक शनिवार को दूसरे हाफ में होता है. इससे बच्चों को बहुत फायदा मिल रहा है. बच्चे पूरे मनोयोग से पढ़ते हैं.

साथ ही शिक्षक सतेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि यहां पर कुल 5 स्टाफ हैं. 2016 में जब उन्होंने जॉइन किया था, तब इस स्कूल में 91 बच्चे पढ़ते थे. अब यहां पर 178 बच्चे पढ़ रहे हैं. बेसिक शिक्षा अधिकारी गौतम प्रसाद ने बताया कि इस प्रोग्राम को लेकर बच्चों में उत्साह है. वे बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं. बच्चों को इस प्रोग्राम के माध्यम से बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है. पूर्व माध्यमिक विद्यालय जासा बघौरा स्कूल भी ऑपरेशन कायाकल्प के तहत बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. बच्चे भी स्कूल में ठीक-ठाक हैं.

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