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एससीबीए अध्यक्ष ने CJI को लिखा पत्र, बार के वरिष्ठ सदस्य के खुले पत्र पर जताया आश्चर्य - सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने भारत के सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है. अग्रवाल का पत्र वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे द्वारा सीजेआई को एक खुला पत्र लिखे जाने के एक दिन बाद आया है. SCBA president writes to CJI, open letter by senior Bar member, expresses shock over open letter, Supreme Court Bar Association.

CJI DY Chandrachud
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़

By PTI

Published : Dec 7, 2023, 9:20 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष आदिश सी अग्रवाल ने गुरुवार को प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ को चिट्ठी लिखकर बार के एक वरिष्ठ सदस्य द्वारा उन्हें लिखे खुले पत्र पर 'आश्चर्य' व्यक्त किया.

अग्रवाल का पत्र वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे द्वारा सीजेआई को एक खुला पत्र लिखे जाने के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने मामलों की सूची में 'कुछ घटनाओं' और उच्चतम न्यायालय में अन्य पीठों को सुनवाई के लिए फिर से आवंटित किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की और तत्काल सुधारात्मक उपायों की मांग की.

दवे के पत्र से एक दिन पहले, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश संजय किशन कौल ने मंगलवार को उस वक्त आश्चर्य व्यक्त किया था जब प्रशांत भूषण सहित कुछ वकीलों ने कुछ याचिकाओं को अदालत संख्या दो की वाद सूची से अचानक हटाने का आरोप लगाया था. ये याचिकाएं पदोन्नति और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के स्थानांतरण पर कॉलेजियम की सिफारिशों पर कदम उठाने में केंद्र की कथित देरी से संबंधित थीं.

वरिष्ठ अधिवक्ता अग्रवाल ने अपने पत्र में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ से अनुरोध किया कि वे 'ऐसे दुर्भावनापूर्ण, प्रेरित और संदिग्ध प्रयासों' को नजरअंदाज करें, जो 'न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर स्वार्थी हमलों' के अलावा और कुछ नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'अगर भारत के प्रधान न्यायाधीश इस तरह की दबाव रणनीति के आगे झुकते हैं, तो यह कुछ निहित स्वार्थों के हाथों इस मूल्यवान संस्था की स्वतंत्रता खत्म होने का संकेत होगा.'

अग्रवाल ने कहा कि हाल में न्याय प्रशासन पर 'अनुचित दबाव डालने' के लिए मौजूदा सीजेआई को ऐसे पत्र लिखने की प्रवृत्ति बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि ऐसे पत्र कुछ चुनिंदा मामलों के संबंध में और कुछ प्रभावशाली वादियों के आदेश पर लिखे गए थे.

सीजेआई को लिखे अपने पत्र में एससीबीए के पूर्व अध्यक्ष दवे ने कहा था कि वह शीर्ष अदालत रजिस्ट्री द्वारा मामलों को सूचीबद्ध करने के बारे में कुछ घटनाओं से बहुत दुखी हैं. उन्होंने कहा था कि कुछ मामले संवेदनशील प्रकृति के थे, जिनमें 'मानवाधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, लोकतंत्र तथा वैधानिक और संवैधानिक संस्थानों की कार्यप्रणाली' शामिल थी. दवे ने अफसोस व्यक्त किया था कि उन्हें खुला पत्र लिखना पड़ा क्योंकि कुछ वकीलों द्वारा सीजेआई से व्यक्तिगत रूप से मिलने के प्रयासों का कोई नतीजा नहीं निकला.

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