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बोर्ड परीक्षा में हाईब्रिड विकल्प की मांग वाली याचिका पर सुनवाई 18 नवंबर को - जस्टिस ए एम खानविलकर

आगामी बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले छह छात्रों की याचिका जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस सी टी रविकुमार की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई. पीठ ने कहा कि याचिका पर 18 नवंबर को लंबित याचिका के साथ सुनवाई की जाएगी.

बोर्ड परीक्षा
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Published : Nov 16, 2021, 7:10 AM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court-SC) ने कहा कि सीबीएसई (CBSE) और सीआईएससीई (CISCE) की 10वीं और 12वीं कक्षा की आगामी बोर्ड परीक्षा से संबंधी याचिका पर 18 नवंबर को सुनवाई करेगा. इस याचिका में दोनों बोर्ड परीक्षाएं कोविड-19 महामारी के बीच ऑफलाइन मोड (परीक्षा का परंपरागत तरीका) के बदले हाईब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों) में कराने के लिए संशोधित परिपत्र जारी करने का निर्देश देने की मांग की गई है.

आगामी बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले छह छात्रों की याचिका जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस सी टी रविकुमार की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई. पीठ ने कहा कि याचिका पर 18 नवंबर को लंबित याचिका के साथ सुनवाई की जाएगी.

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने पीठ से कहा कि इस मामले पर तत्काल विचार करने की आवश्यकता है, क्योंकि बोर्ड परीक्षाएं मंगलवार से शुरू होंगी.

पीठ ने इस बात पर गौर किया कि लंबित याचिका अगले साल जनवरी में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है. पीठ ने कहा कि वह उस याचिका पर सुनवाई के समय में बदलाव करेगी और दोनों मामलों पर इस सप्ताह सुनवाई की जाएगी.

याचिकाकर्ताओं के वकील ने जब यह कहा कि उच्चतम न्यायालय में लंबित याचिका में कुछ अलग मुद्दे उठाए गये हैं, तो पीठ ने कहा कि हम इसे गुरुवार (18 नवंबर) को देखेंगे. यदि मामला वही रहा तो इस पर साथ में सुनवाई होगी. उच्चतम न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के स्थायी वकील सहित प्रतिवादियों को याचिका की अग्रिम प्रति देने की छूट दी.

पीठ ने एक अलग याचिका पर भी सुनवाई की, जिसमें सीबीएसई द्वारा आयोजित सुधार परीक्षा के परिणामों से संबंधित मुद्दा उठाया गया है. अदालत ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील को याचिका की अग्रिम प्रति सीबीएसई के साथ-साथ केंद्रीय एजेंसी के स्थायी वकील को देने के लिए कहा और मामले की अगली सुनवाई की तिथि 22 नवंबर तय की.

बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले छह छात्रों द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि टर्म एक या सेमेस्टर एक परीक्षा को केवल ऑफलाइन मोड में आयोजित करने में बोर्ड की पूरी कवायद बेहद अनुचित है. सीबीएसई द्वारा घोषित तिथि के अनुसार, टर्म एक बोर्ड परीक्षा 16 नवंबर से शुरू होगी.

काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) की बोर्ड परीक्षा के सेमेस्टर एक की परीक्षा 22 नवंबर से शुरू होगी.

अधिवक्ता सुमंत नूकला द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि आगामी परीक्षाएं हाइब्रिड मोड में आयोजित की जाएं, जिसमें ऑफलाइन और ऑनलाइन परीक्षा के बीच चयन करने का विकल्प हो.

इसमें कहा गया है कि सहमति महत्वपूर्ण है, क्योंकि परीक्षा सीधे याचिकाकर्ताओं के मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित है, जिसमें निष्पक्ष मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए अनुकूल और स्वैच्छिक माहौल की आवश्यकता होती है. यह सामान्य ज्ञान है कि कोविड महामारी की तीसरी लहर की भविष्यवाणी की गई है. इसमें दावा किया गया है कि ऑफलाइन परीक्षा की प्रस्तावित वर्तमान प्रणाली खराब योजना से भरी हुई है जो छात्रों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी.

इसमें यह भी कहा गया है कि यदि प्रतिवादी (बोर्ड और अन्य) उक्त तारीखों पर परीक्षा आयोजित करना भी चाहते थे, तो भी उनके पास पर्याप्त समय और संसाधन थे, ताकि वे सावधानीपूर्वक योजना बनाते और वर्तमान याचिका में व्यक्त चिंताओं पर विचार करते.

(पीटीआई-भाषा)

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