नई दिल्ली :सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने शुक्रवार को मेघालय उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें सीमा विवाद के संबंध में मेघालय और असम राज्यों द्वारा हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन पर अंतरिम रोक लगा दी थी (sc stays meghalaya hc order).
कोर्ट ने कहा कि 'प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि एकल न्यायाधीश ने कोई कारण नहीं बताया है.' मेघालय के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ आज सुबह मेघालय की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया. अदालत आज ही दोपहर 2 बजे मामले की सुनवाई करने पर सहमत हो गई.
इस मामले की सुनवाई जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने की थी. एसजी मेहता ने कोर्ट को बताया कि जब मेघालय को असम से अलग किया गया था, तो कुछ सीमा मुद्दों को राजनीतिक रूप से तय किया गया था और ये सभी 'राजनीतिक झांसे' में लिए गए फैसले हैं.
MoU के खिलाफ HC में याचिका दायर करने वाले मूल याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता प्रज्ञान प्रदीप शर्मा ने तर्क दिया कि MoU संसद की सहमति में हुआ था. शर्मा ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 3 के लिए संसदीय मंजूरी की आवश्यकता होती है, अन्यथा एमओयू निष्पादित नहीं किया जा सकता है.