नई दिल्ली :उच्चतम न्यायालय ने धोखाधड़ी के एक मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 'व्यापक' निर्देशों पर मंगलवार को रोक लगा दी है. हाई कोर्ट ने एक आरोपी को अग्रिम जमानत देते हुए कई निर्देश दिए थे.
उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए उसे जमानत दी थी कि कोविड-19 संक्रमण के चलते मौत की आशंका राहत देने का वैध आधार हो सकती है. शीर्ष अदालत ने कहा कि अदालतें अन्य मामले में आरोपियों को अग्रिम जमानत देने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा 10 मई को जारी किए गए निर्देशों पर विचार नहीं करेंगी.
न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति बीआर गवई की अवकाशकालीन पीठ ने कहा, 'व्यापक निर्देश जारी किए गए हैं और हम उनपर रोक का निर्देश देते हैं. अदालतें अन्य मामलों में आरोपियों को अग्रिम जमानत देने के लिए इन निर्देशों पर विचार नहीं करेंगी और वे हर मामले के गुण-दोष पर गौर करेंगी.'
न्यायमित्र नियुक्त किया
पीठ ने वरिष्ठ वकील वी गिरि को इस मामले में इस व्यापक पहलू पर मदद के लिए न्यायमित्र नियुक्त किया कि क्या कोविड अग्रिम जमानत देने का आधार हो सकता है. शीर्ष अदालत उत्तर प्रदेश सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उच्च न्यायालय के 10 मई के आदेश को चुनौती दी गई है.
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