दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

सुप्रीम कोर्ट ने लक्षद्वीप में मध्याह्न भोजन से मांसाहारी उत्पादों को हटाने के खिलाफ याचिका पर जवाब मांगा

देश की सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) ने मध्याह्न भोजन के मेन्यू से चिकन के अलाव अन्य मांस उत्पादों को हटाने के संबंध में लक्षद्वीप प्रशासन के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र व अन्य से जवाब मांगा है.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

By

Published : May 2, 2022, 5:13 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने स्कूली बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन की व्यंजन सूची (मेन्यू) से चिकन सहित मांस उत्पादों को हटाने और डेयरी फार्म बंद करने संबंधी लक्षद्वीप प्रशासन के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को केंद्र और अन्य से जवाब मांगा.

न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी (Justices Indira Banerjee) और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना (Justices A S Bopanna) की पीठ ने केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) के उस आदेश के खिलाफ दायर एक अपील पर भारत संघ, केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप और अन्य को नोटिस जारी किया, जिसमें लक्षद्वीप प्रशासन के फैसले को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया गया था.

उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने सितंबर 2021 में कवरत्ती के मूल निवासी अजमल अहमद द्वारा दायर एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि प्रफुल्ल खोड़ा पटेल द्वारा द्वीप प्रशासक के रूप में कार्यभार संभाले जाने के बाद उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता पशुपालन विभाग द्वारा चलाए जा रहे डेयरी फार्म को बंद करना और प्राचीन काल से चली आ रही द्वीपवासियों की भोजन की आदतों पर 'हमला' करना है.

ये भी पढ़ें - किसी को भी कोविड-19 टीकाकरण कराने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता : SC

अहमद ने पशुपालन निदेशक के 21 मई 2021 के उस आदेश को चुनौती दी जिसमें सभी डेयरी फार्म को बंद करने के निर्देश दिए गए थे. याचिकाकर्ता ने लक्षद्वीप में स्कूली बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन के मेन्यू से चिकन और अन्य मांस उत्पादों को हटाने संबंधी प्रशासन के फैसले को भी चुनौती दी है.

(पीटीआई-भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details