नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए कानून के तहत उपलब्ध सामाजिक सुरक्षा अधिकारों की मांग करने वाले परिवहन कर्मियों के एक संगठन की याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार, उबर और जोमैटो समेत अन्य ऐप आधारित सेवा प्रदाता कंपनियों से जवाब मांगा.
इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स (IFAT) की याचिका में ऐसे कामगारों के लिए प्राथमिकता के आधार पर स्वास्थ्य बीमा, मातृत्व लाभ, पेंशन, वृद्धावस्था सहायता, विकलांगता भत्ता और एग्रीगेटर्स लागत पर टीकाकरण कराने जैसी कल्याणकारी योजनाएं तैयार करने की मांग की गई है.
न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ ने आईएफएटी की ओर से पेश हुईं वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह की दलीलें सुनने के बाद कहा, 'हम नोटिस जारी करेंगे. मामले की सुनववाई चार सप्ताह बाद के लिए होगी.'
जयसिंह ने कहा कि ड्राइवर या डिलीवरी श्रमिकों को भी असंगठित श्रमिक अधिनियम की योजनाओं और श्रमिक निकाय के लिए बनाई गई सभी सामाजिक कल्याण योजनाओं के तहत कामगार घोषित करने का अनुरोध किया गया है. उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्रों के कामगारों मिलने वाले लाभ उन्हें भी उपलब्ध कराए जाएं.
इस संबंध में उन्होंने ब्रिटेन की शीर्ष अदालत के फैसले का हवाला दिया और कहा कि नौकरी के अनुबंधों का विश्लेषण किया गया और पाया गया कि उबर के साथ कार्यरत व्यक्ति वास्तव में कामगार थे.