नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (एसएनजेपीसी) की सिफारिशों के अनुसार निचली अदालतों के न्यायाधीशों को वेतन वृद्धि और अन्य बकाया राशि का भुगतान करने के लिए चूककर्ता राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को गुरुवार को आखिरी मौका दिया. एसएनजेपीसी की सिफारिशों में वेतनमान, पेंशन और परिवार पेंशन तथा भत्तों के अलावा जिला न्यायपालिका की सेवा शर्तों के विषयों पर विचार के लिए एक स्थायी प्रणाली स्थापित करने की बात है.
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि उसके 19 मई के निर्देशों के बावजूद कुछ राज्यों ने उनका पूरा या आंशिक रूप से पालन नहीं किया है. पीठ में न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे.