दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

Z Plus Security to Mukesh Ambani : भारत और विदेश में मुकेश अंबानी, उनके परिवार को जेड प्लस सुरक्षा मिले : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी और उनके परिवार के सदस्यों को पूरे भारत और विदेशों में सर्वोच्च Z plus सुरक्षा कवर प्रदान करने का निर्देश दिया है. अदालत ने कहा कि भारत या विदेश में मुकेश अंबानी को उच्चतम स्तर जेड प्लस सुरक्षा मिले. कोर्ट ने कहा कि इसका पूरा खर्च अंबानी वहन करेंगे.

Z Plus  Security to Mukesh Ambani
प्रतिकात्मक तस्वीर

By

Published : Mar 1, 2023, 6:35 AM IST

नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी और उनके परिवार को देश भर में और विदेश यात्रा के दौरान उच्चतम जेड प्लस सुरक्षा कवर प्रदान किया जाना चाहिए. जस्टिस कृष्ण मुरारी और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि अंबानी को प्रदान की जाने वाली उच्चतम जेड प्लस सुरक्षा पूरे भारत में उपलब्ध होगी और इसे महाराष्ट्र राज्य और गृह मंत्रालय द्वारा सुनिश्चित किया जाना है. कोर्ट ने कहा कि जब इस परिवार का कोई सदस्य विदेश यात्रा कर रहा हो तो भारत सरकार की नीति के अनुसार उच्चतम स्तर की जेड प्लस सुरक्षा भी प्रदान की जाए और इसे गृह मंत्रालय द्वारा सुनिश्चित किया जाए.

पढ़ें : Mukesh Ambani: मुकेश अंबानी और उनके बेटे आकाश अंबानी ने किया सोमनाथ महादेव का रुद्राभिषेक, दान किए ₹1.51 करोड़

पीठ ने कहा कि भारत या विदेश में अंबानी को उच्चतम स्तर का जेड प्लस कवर प्रदान करने का पूरा खर्च और लागत अंबानी परिवार वहन करेगा. शीर्ष अदालत ने यह कहते हुए उपरोक्त निर्देश पारित किया कि प्रतिवादी संख्या 2 से 6 को प्रदान किया गया सुरक्षा कवच विभिन्न स्थानों और विभिन्न उच्च न्यायालयों में विवाद का विषय रहा है. अंबानी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि मुंबई पुलिस और गृह मंत्रालय और केंद्र सरकार द्वारा निरंतर खतरे की धारणा के मद्देनजर उन्हें उच्चतम स्तर की जेड प्लस सुरक्षा प्रदान की गई थी.

शीर्ष अदालत ने केंद्र की विशेष अनुमति याचिका में विकास साहा द्वारा दायर एक आवेदन पर आदेश पारित किया, जिसमें त्रिपुरा उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेशों को चुनौती दी गई थी, जिसमें मुकेश अंबानी और उनके परिवार के संबंध में खतरे की धारणा के संबंध में गृह मंत्रालय को मूल फाइलें पेश करने का निर्देश दिया गया था. उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि पिछले साल जून में गृह मंत्रालय के एक अधिकारी को संबंधित फाइलों की सीलबंद लिफाफे के साथ पेश होना चाहिए था.

पढ़ें : अदालत ने वाडिया की हत्या के प्रयास मामले में मुकेश अंबानी को गवाह के रूप में बुलाने से इनकार किया

पिछले साल 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई में उद्योगपति और उनके परिवार को प्रदान किए गए सुरक्षा कवर पर सवाल उठाने वाली जनहित याचिका के संबंध में त्रिपुरा उच्च न्यायालय की कार्यवाही को रद्द कर दिया था. हालांकि, साहा ने जुलाई के आदेश के स्पष्टीकरण के लिए फिर से एक विविध आवेदन दायर किया. आवेदक के वकील ने तर्क दिया कि जुलाई के आदेश में जैसा कि यह है, उक्त आदेश की गलत व्याख्या की बहुत गुंजाइश है, जब तक कि यह स्पष्ट नहीं किया जाता है कि उक्त आदेश का दायरा विशेष रूप से केवल अंबानी को महाराष्ट्र में सुरक्षा कवर प्रदान करने तक सीमित था. जो उनके लिए व्यवसाय और निवास स्थान है.

रोहतगी ने प्रस्तुत किया कि उनके ग्राहकों को देश को वित्तीय रूप से अस्थिर करने के लिए लक्षित किए जाने का निरंतर जोखिम है और ऐसा जोखिम न केवल पूरे भारत में मौजूद है, बल्कि विदेशों में भी है. शीर्ष अदालत ने साहा द्वारा दायर आवेदन का निस्तारण करते हुए कहा कि हमारी सुविचारित राय है कि यदि कोई सुरक्षा खतरा है, तो प्रदान की गई सुरक्षा कवर और वह भी उत्तरदाताओं के अपने खर्च पर किसी विशेष क्षेत्र तक सीमित नहीं हो सकती. देश के भीतर और देश के बाहर भी व्यावसायिक गतिविधियों को देखते हुए सुरक्षा यदि किसी विशेष स्थान या क्षेत्र तक ही सीमित रहेगी तो सुरक्षा कवर प्रदान करने का मूल उद्देश्य विफल हो जाएगा.

पढ़ें : Dhirubhai Ambani School को बम से उड़ाने की धमकी, कॉलर की हुई पहचान, गिरफ्तारी जल्द: पुलिस

पढ़ें : अंबानी के बेटे की फर्जी आईडी बनाकर 25 लाख की ठगी, केस दर्ज

(आईएएनएस)

ABOUT THE AUTHOR

...view details