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Published : Dec 1, 2020, 7:03 PM IST

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न्यायालय का आदेश, राज्यों में उपलब्ध हो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा

उच्चतम न्यायालय ने आज बच्चों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा से जुड़े मामले पर सुनवाई करते हुए राज्यों को इससे जुड़े आदेश दिए. न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकारें सुनिश्चित करें कि मानव तस्करी के शिकार बच्चों के पास न्यायालय में पेश होने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध हो.

video conferencing facilities for children
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज पश्चिम बंगाल, असम और राजस्थान की सरकार को आदेश दिया कि वह किसी एक जिले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कि सुविधा उपलब्ध कराएं. इसके अलावा न्यायालय ने राज्य सरकारों से मानव तस्करी के शिकार उन बच्चों की सूचि मांगी, जिन्हें राज्य के बाहर की अदालत में पेश होना है.

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और हेमंत गुप्ता की सदस्यता वाली पीठ बच्चों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा से जुड़े मामले पर सुनवाई कर रही थी.

न्याय मित्र ने न्यायालय को सुझाव दिया कि राज्यों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए व्यवस्था की जानी चाहिए. इसके अलावा एक समन्वयक की नियुक्ति भी की जानी चाहिए जो यह सुनिश्चित करे कि सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा है.

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सुझावों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए जरूरी सभी उपकरणों के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि बच्चों के लिए एक वेटिंग एरिया भी हो.

न्याय मित्र और याचिकर्ता के सुझावों पर विचार करते हुए न्यायालय ने कहा कि जब बच्चा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हो रहा हो तो यह भी सुनिश्चित किया जाए कि उसपर किसी भी तरह का दबाव न हो.

न्यायालय ने सुझाया कि समन्वयक की जिम्मेदारी किसी सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी को दी जाए. इसको लेकर न्याय मित्र राज्य की न्यायिक इकाइयों से बात करके अगली सुनवाई में न्यायलय के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे.

बिहार की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि राज्य में सुझाई गई व्यवस्था पहले से ही है. इसको लेकर वह अगली सुनवाई में हलफनामा दाखिल करेंगे. मामले में अगली सुनवाई जनवरी के दूसरे सप्ताह में होगी.

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