हैदराबाद: देश का सबसे बड़ा और विश्वसनीय बैंक कौन सा है ? जवाब सभी जानते हैं- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया. इस बैंक की उम्र 200 साल से भी अधिक है और आज ये देश का सबसे बड़ा बैंक है. लेकिन यहां तक पहुंचने की इसकी कहानी बहुत ही दिलचस्प है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की बात आज इसलिये कर रहे हैं क्योंकि आज यानि 1 जुलाई को इस बैंक का स्थापना दिवस है.
कहानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की
भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक है. इस बैंक को ये नाम साल 1955 में मिला लेकिन आज ये जिस शिखर पर है उसकी कहानी 2 सदी से भी ज्यादा पुरानी है. इस बैंक के बनने की कहानी साल 1806 में शुरू होती है.
- 2 जून 1806 को बैंक ऑफ कलकत्ता (Bank of Calcutta) की शुरुआत हुई थी, जो 2 जनवरी 1809 को बैंक ऑफ बंगाल (Bank of Bengal) बन गया.
- 15 अप्रैल 1840 को बैंक ऑफ बॉम्बे (Bank of Bombay) और 1 जुलाई 1843 को बैंक ऑफ मद्रास (Bank of Madras) की भी स्थापना हुई. बैंक ऑफ बंगाल, बैंक ऑफ बॉम्बे और बैंक ऑफ मद्रास उस वक्त के देश के प्रमुख बैंक थे.
- 27 जनवरी 1921 को बैंक ऑफ बॉम्बे और बैंक ऑफ मद्रास का बैंक ऑफ बंगाल में विलय हो गया. तीनों बैंकों को मिलकर इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया (Imperial Bank of India) बना.
-देश आजाद होने के करीब 8 साल बाद भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम 1955 के तहत भारतीय रिजर्व बैंक ने इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया का अधिग्रहण कर लिया. इसके बाद इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया का नाम बदल गया और 1 जुलाई 1955 को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अस्तित्व में आया.
- साल 1960 में एसबीआई ने 7 बैंकों का नियंत्रण हासिल किया. ये सभी पहले भारत की अलग-अलग रियासतों के बैंक थे. जिनका नाम और लोगो (logo) स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तर्ज पर रखा गया. इन सहयोगी बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर और जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ इंदौर, स्टेट बैंक और मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र और स्टेट बैंक और त्रावणकोर शामिल हैं. 1 अप्रैल 2017 में इन बैंकों का विलय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में हो गया.
भारतीय स्टेट बैंक के लोगो की कहानी (state bank of india logo)
साल 1955 में जब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अस्तित्व में आया तो इसकी पहचान, प्रतीक या लोगो में बरगद का पेड़ नजर आता है. लोगों में बैंक का नाम और साल 1955 नजर आता है. इस लोगो में बरगद के पेड़ की जड़ें मजबूती और स्थिरता की जबकि शाखाएं विकास, विस्तार, सफलता को दर्शाते हैं. हालांकि बाद में इसे बदल दिया गया, कुछ लोगों का तर्क था कि बरगद का पेड़ अपने स्थान पर किसी अन्य पौधे को पनपने नहीं देता है.
साल 1970 में बैंक का लोगो पूरी तरह से बदल दिया गया. बरगद के पेड़ की जगह नीले रंग का एक सर्कल है जिसके निचले हिस्से पर एक छोटा सा कट है. ये गोल आकृति दरअसल एक की-होल (key hole) है. इसे नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद के पूर्व छात्र शेखर कामत ने डिजाइन किया था.