उज्जैन।गुरुवार 14 जुलाई से सावन का महिना शरू हो गया है. भोलेनाथ को समर्पित इस माह में उनकी पूजा-अर्चना की जाती है. उज्जैन में श्रावण मास में महाकालेश्वर मंदिर में देश-दुनिया से भक्तों का दर्शन हेतु आगमन होता है. आज सावन के पहले दिन पंडित महेश पुजारी ने बाबा महाकाल का विधि विधान से पंचामृत अभिषेक किया गया. इसके बाद भगवान महाकाल को भस्म अर्पित कर उनका श्रृंगार हुआ. पहला दिन ही महाकाल मंदिर में भक्तों का तांता लगेगा जो पूरे महीने चलता रहेगा. श्रावण-भादौ मास में भगवान महाकालेश्वर मंदिर में पवित्र नदियों का जल लेकर कावड़ यात्रियों के साथ ही भजन मंडलियों से पूरा शहर शिव की भक्ति में लीन हो जाता है.
राजा के रूप में हुआ भगवान महाकाल का श्रृंगार: आज सावन के पहले दिन सुबह मंदिर के पट खुलते ही पंडे पुजारियों ने हरिओम और काजल भगवान महाकाल को अर्पित किया. इसके बाद बाबा महाकाल का पंचामृत अभिषेक कर बाबा महाकाल का श्रृंगार किया गया. बाबा महाकाल को राजा के रूप में तैयार कर बाबा भस्मी अर्पित की गई. इसके पश्चात पंडित महेश पुजारी ने महाकाल बाबा की भस्म आरती की. जिसमें श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. जिन लोगों की ऑफलाइन और ऑनलाइन बुकिंग थी उन लोगों ने बाबा महाकाल के नंदीहाल और गणेश मंडपम कार्तिक मंडपम से बैठकर दर्शन का लाभ लिये.
दो साल बाद बाबा महाकाल के दर्शन करेंगे भक्त:कोरोना महामारी के कारण भक्तों और बाबा महाका में दूरी बनी हुई थी. लेकिन अब कोरोना संक्रमण नहीं होने के कारण यह दूरी खत्म हो गई है. कोरोना के दो वर्ष बाद श्रावण महीने में भगवान महाकाल के भक्तों को बाबा महाकाल के दर्शन लाभ होंगे. वहीं पवित्र नदियों से जल लाकर भगवान का जलाभिषेक करने के लिए कावड़ यात्रियों के समूह भी तैयार है. पूरे श्रावण महीने उज्जैयिनी में उत्सव का माहौल होता है. इधर मंदिर प्रशासन ने भी आने वाले दर्शनार्थियों को सहज और सुविधा के साथ दर्शन कराने के लिए तैयारी कर ली है. गुरुवार को श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था देखने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह व एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल मंदिर पहुंचे. दोनों अधिकारियों ने सम्पूर्ण व्यवस्था का जायजा लेकर निर्देश दिए. श्रावण व भादौ मास में मंदिर के गर्भगृह व नंदी हाल में दर्शनार्थियों का प्रवेश बंद रहेगा.
महाकाल मंदिर आने वाले वाहनों की पार्किंग:उज्जैन में सावन के महीने में भक्तों की भीड़ को देखते हुए वाहन पार्किंग की व्यवस्था कई स्थानों पर की गई है. इंदौर, दिल्ली, ग्वालियर, मक्सी से आने वाले वाहन कर्कराज मंदिर पार्किंग व भील धर्मशाला में अपने वाहन पार्क करेंगे. इसी तरह महिदपुर, आगर, कोटा से आने वाले वाहन ब्रिज से होते हुए त्रिवेणी संग्रहालय की पार्किंग पर तथा बड़नगर, धार, रतलाम के वाहन कार्तिक मेला ग्राउण्ड और कर्क राज मंदिर पर बने पार्किंग स्थानों पर पार्क कर सकेंगे.
''श्रावण मास भगवान शिव का महीना है. इसलिए शिव मंदिरों में इस महीने विशेष उत्साह रहता है. सावन मास के पहले दिन भगवान महाकाल का भस्मारती की गई. सभी रसों से भगवान का स्नान किया. चंदन, अबीर और भांग से बाबा महाकाल का भव्य श्रृंगार किया है. भगवान महाकाल की कृपा से कोरोना संक्रमण खत्म हो गया है. इसलिए बड़ी संख्या में भक्त महाकालेश्वर मंदिर आएंगे और भगवान के दर्शन लाभ ले सकेंगे''.-महेश, पुजारी महाकाल मंदिर
छोटे वाहनों के लिए ऐसी रहेगी पार्किंग व्यवस्था: प्रशासन ने छोटे वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था भी की है. श्रद्धालुओं कार्तिक मेला ग्राउण्ड, कर्कराज मंदिर, पुल के समीप हॉट बाजार, भील समाज धर्मशाला के पास, त्रिवेणी संग्रहालय के समीप अपने वाहन पार्क कर सकेंगे. पार्किंग स्थल से नि:शुल्क ई-रिक्शा की सुविधा भी दी गई है. जहां से श्रद्धालु गंगोत्री गार्डन, मुख्य प्रवेश द्वार, चारधाम मंदिर के पास तक पंहुच सकेंगे. चारधाम मंदिर से हरसिद्धि मंदिर मार्ग पर स्थित चारधाम पार्किंग पर जूता स्टैंड व अन्य कॉउंटर रहेंगे. जूता स्टैंड के अलावा शीघ्र दर्शन, खोया-पाया, आकस्मिक चिकित्सा व प्रसाद कॉउंटर रहेंगे. भगवान महाकाल के दर्शन करने के बाद वापसी में दर्शनार्थी बिना असुविधा जूते-चप्पल शीघ्र प्राप्त कर सकेंगे.