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सऊदी अरब ने लगाया तब्लीगी जमात पर प्रतिबंध, संगठन को बताया आतंक का द्वार

तब्लीगी जमात को आतंक का द्वार बताते हुए सऊदी अरब उस पर प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार ने मस्जिदों को निर्देश दिए हैं कि जुमे के दिन मस्जिद से भी तब्लीगी जमात से होने वाले खतरे के बारे में लोगों को बताया जाए.

saudi arabia imposed ban on tablighi jamaat
saudi arabia imposed ban on tablighi jamaat

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Published : Dec 11, 2021, 9:49 PM IST

Updated : Dec 11, 2021, 10:03 PM IST

हैदराबाद :सऊदी अरब ने सुन्नी मुसलमानों के सबसे बड़े संगठन तब्लीगी जमात पर बैन लगाने का ऐलान किया है. सऊदी अरब के इस्लामिक मामलों के मंत्री डॉ अब्दुल लतीफ अल अलशेख ने मस्जिदों के मुअज्जिद को निर्देश दिया कि शुक्रवार की नमाज़ के दौरान आदेश के बारे में बताया जाए और तब्लीगी समूह को चेतावनी दी जाए. सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि अब से शुक्रवार की नमाज के दौरान लोगों को तब्लीगी जमात से मिलने की जरूरत नहीं है, उनके साथ किसी भी तरह का संपर्क नहीं रखा जाए

बताया जाता है कि तब्लीगी जमात को आतंकवाद के द्वारों में से एक बताते हुए सऊदी सरकार ने प्रतिबंध का ऐलान किया. धार्मिक मामलों के मंत्री ने तब्लीगी जमात को समाज के लिए खतरा बताया है. वहां की सरकार का मानना है कि इस संगठन ने लोगों को अपने पथ से भटकाया है.

करीब 94 साल पहले 1926 में तब्लीगी जमात की शुरुआत देवबंदी इस्लामी विद्वान मौलाना मोहम्मद इलयास कांधलवी ने की थी. इस्लामिक विद्वानों ने इसे धार्मिक सुधार आंदोलन के तौर पर फैलाया. तब्लीगी जमात का काम विशेषकर इस्लाम के मानने वालों को धार्मिक उपदेश देना होता है.

अनुमान है कि दुनिया भर में 35-40 करोड़ मुसलमान तबलीगी जमात के विचार और सिद्धांतों का पालन करते हैं. जमात का दावा है कि वे राजनीतिक गतिविधियों में शरीक नहीं होते हैं. आतंकवाद से संबंध के आरोपों को कारण संगठन का नाम कई बार सुर्खियों में आया. प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार तब्लीगी जमात पश्चिमी यूरोप, अफ्रीका और दक्षिण एशिया सहित दुनिया भर के 100 देशों में सक्रिय है. भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, बांग्लादेश, पाकिस्तान और थाईलैंड में जैसे देशों में इस संगठन के सदस्यों की तादाद करोड़ों में है.

कोरोना काल में विवादित रहा था तब्लीगी जमात. फाइल फोटो

कोरोना के दौरान भारत में तब्लीगी जमात काफी चर्चित रहा था. निजामुद्दीन मरकज में जमा तब्लीगी जमात के सदस्यों पर कोरोना के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगा था. तब तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद का ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें वे कहते सुने गए कि 'कोरोना को मुसलमानों को डराने के लिए इजात किया गया है. ताकि वे मस्जिद से दूर हो जाएं. मरने के लिए मस्जिद से बेहतर जगह कौन सी होगी? इसके बाद संगठन की काफी आलोचना हुई थी. इस विवाद के बाद भारत ने तब्लीगी जमात पर बैन नहीं किया है, लेकिन जून, 2020 में तब्लीगी जमात से जुड़े होने के कारण 2200 विदेशी नागरिकों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया था. अब ये लोग 10 साल तक भारत नहीं आ पाएंगे

सुप्रीम कोर्ट में भी तब्लीगी जमात से जुड़े मामलों की सुनवाई चल रही है. कोरोना काल में तब्लीगी जमात को लेकर हुई रिपोर्टिंग के मामले में पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी.

Last Updated : Dec 11, 2021, 10:03 PM IST

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