अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की पावन नगरी अयोध्या में बहने वाली पवित्र सरयू नदी इन दिनों अपने रौद्र रूप में है. सरयू तट के किनारे स्थित केंद्रीय जल आयोग की माप के अनुसार खतरे के निशान से करीब 44 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार अयोध्या में खतरे का निशान 92.730 मीटर है. नदी के बढ़े हुए जलस्तर के कारण कई घाट प्रभावित हुए हैं. वहीं, तटीय इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. वहीं, सरयू तट के किनारे बने अस्थाई श्मशान घाट जलमग्न होने के कारण अब शवदाह की भी समस्या भी खड़ी हो गई है. मजबूर होकर बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक और ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले यात्री अपने परिजनों के शवों का अंतिम संस्कार घाट की सीढ़ियों पर कर रहे हैं.
अंतिम संस्कार करने आने वाले लोगों की समस्या को देखते हुए अयोध्या नगर निगम ने निर्माणाधीन श्मशान घाट खोल दिया है. अयोध्या नगर निगम के नगर आयुक्त विशाल सिंह ने बताया कि जहां पर शव दाह किया जा रहा है उस स्थान पर पानी आ गया है और वह डूब क्षेत्र में है.
वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में इन घाटों पर अंतिम संस्कार की परंपरा चली आ रही है. कालांतर में उस स्थान पर अंतिम संस्कार का कार्य बंद किया जाना है. पानी भर जाने के कारण शव दाह की व्यवस्था पुराने बैकुंठ धाम के पास बन रहे नए श्मशान घाट में शिफ्ट कर दी गई है. हां पर लोगों को सूखे में जल के समीप अच्छी तरीके से शव दाह के लिए व्यवस्था मिले इसके प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि नए श्मशान घाट का काम जल्द ही पूरा होगा.