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सद्भावना दिवस 2021 : राजीव गांधी की आज 77वीं जयंती - राजीव गांधी

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था, 'भारत एक प्राचीन देश है, लेकिन एक युवा राष्ट्र है; और हर युवा की तरह हममें भी अधीरता है. मैं भी युवा हूं और मेरा भी एक सपना है. मैं ऐसे भारत का सपना देखता हूं जो मानवता की सेवा में मजबूत, स्वतंत्र, आत्मनिर्भर और दुनियाभर के देशों में अग्रणी हो.'

राजीव गांधी की आज 77वीं जयंती
राजीव गांधी की आज 77वीं जयंती

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Published : Aug 20, 2021, 5:31 AM IST

हैदराबाद :पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज 77वीं जयंती है. हर साल 20 अगस्त को राजीव गांधी की जयंती को राष्ट्रीय सद्भावना दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य भारत में सभी धर्मों के लोगों के बीच राष्ट्रीय एकता, शांति, स्नेह और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देना है. राजीव गांधी ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं के जरिए देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने का बीड़ा उठाया था.

आइए जानते हैं राजीव गांधी के बारे में
राजीव गांधी देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे. वह 40 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बने थे. भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू उनके नाना थे.

भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उनकी मां थीं. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने थे. प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने 1984-89 तक देश की सेवा की.

राजीव गांधी ने देश के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया. उन्होंने 1986 में उच्च शिक्षा कार्यक्रमों के आधुनिकीकरण और विस्तार के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की थी.

उन्होंने 1986 में जवाहर नवोदय विद्यालय की स्थापना की. यह संस्था ग्रामीण बच्चों को उनके उत्थान के लिए 6वीं से 12वीं कक्षा तक मुफ्त आवासीय शिक्षा प्रदान करती थी. इसका संचालन केंद्र सरकार करती है. उनके प्रयास से 1986 में स्थापित किए गए एमटीएमएल ने ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीफोन के विस्तार के लिए सार्वजनिक कॉल ऑफिस (पीसीओ) भी बनाए.

उन्होंने 1990 के बाद, लाइसेंस राज को कम करने के उपायों की शुरुआत की, जिससे व्यवसायों और व्यक्तियों को पूंजी, उपभोक्ता सामान खरीदने और नौकरशाही प्रतिबंधों के बिना आयात करने की अनुमति मिली. इतना ही नहीं उन्होंने मतदान के अधिकार की आयु सीमा 18 वर्ष तक करने के साथ ही पंचायती राज की शुरुआत की. उन्होंने युवा शक्ति को दृढ़ता से प्रोत्साहित किया और कहा कि देश का विकास देश के युवाओं की जागरूकता पर ही निर्भर करता है. इसलिए राजीव गांधी ने युवाओं को रोजगार देने के लिए जवाहर रोजगार योजना शुरू की थी.

सद्भावना दिवस प्रतिज्ञा
'मैं यह शपथ लेता हूं कि मैं जाति, क्षेत्र, धर्म या भाषा की परवाह किए बिना भारत के सभी लोगों की भावनात्मक एकता और सद्भाव के लिए काम करूंगा. मैं फिर से प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं हिंसा का सहारा लिए बिना संवाद और संवैधानिक साधनों के माध्यम से हमारे बीच सभी मतभेदों को हल करूंगा.'

सद्भावना दिवस महत्व

सद्भावना दिवस हर साल राजीव गांधी की याद में मनाया जाता है जिन्होंने भारत को एक विकसित देश बनाने का सपना देखा था. उनके कई आर्थिक और सामाजिक कार्य उनके सपने को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं.

राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार
1992 में, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की स्मृति में कांग्रेस पार्टी द्वारा राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार की स्थापना की गई थी. हर साल यह पुरस्कार सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने में योगदान देने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है. पुरस्कार के रूप में 10 लाख रुपये नकद और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है.

राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार पाने वाले व्यक्ति
जगन नाथ कौल, लता मंगेशकर, सुनील दत्त, कपिला वात्स्यायन, एस.एन. सुब्बा राव, स्वामी अग्निवेश, निर्मला देशपांडे, हेम दत्ता, एन राधाकृष्णन, गौतम भाई, वहीदुद्दीन खान, भारतीय शास्त्रीय संगीत और युवाओं के बीच संस्कृति के संवर्धन के लिए सोसायटी (SPIC MACAY), डीआर मेहता, अमजद अली खान, मुजफ्फर अली, शुभा मुद्गल, मोहम्मद अजहरुद्दीन, एम. गोपाल कृष्ण, गोपालकृष्ण गांधी.

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