नई दिल्ली : मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाजे ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को बताया कि महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख चाहते थे कि रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को टीआरपी घोटाला मामले में गिरफ्तार किया जाए.
सचिन वाजे ने ईडी को बताया कि देशमुख ने यह सुनिश्चित किया था कि जबरन वसूली की गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उन्हें पुलिसबल में बहाल किया जाए और टीआरपी घोटाला मामले सहित विभिन्न मामलों की रिपोर्ट भी दी जाए.
वाजे ने बताया कि मुंबई पुलिस के तत्कालीन आयुक्त परमबीर सिंह ने 10 डीसीपी की पोस्टिंग का आदेश जारी किया था, जिसका देशमुख और परिवहन मंत्री अनिल परब ने विरोध किया था. जिसके बाद उन्होंने कथित तौर पर आदेश को पलट दिया और उस समायोजन में उन्होंने पुलिस अधिकारियों से 40 करोड़ लिये. जिनमें से अनिल देशमुख और अनिल परब और 20-20 करोड़ रुपये दिए गये थे. गिरफ्तार किये गए पलांडे और शिंदे के अलावा धनशोधन मामले में दायर आरोप पत्र में वाजे का नाम भी आरोपी के रूप में दर्ज है.
आरोप पत्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता देशमुख या उनके परिवार के किसी सदस्य का नाम आरोपी के रूप में शामिल नहीं किया गया है. पलांडे और शिंदे इस मामले में न्यायिक हिरासत में हैं. वाजे ने कहा कि टीआरपी मामले में अनिल देशमुख अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार करना चाहते थे. इतना ही नहीं देशमुख चाहते थे कि दिलीप छाबड़िया केस में मैं उनके साथी के साथ लगभग 150 करोड़ रुपये का समझौता कर लूं.
वाजे ने ईडी से कहा कि सोशल मीडिया फेक फॉलोअर मामले में वह दोषियों के खिलाफ चौतरफा कार्रवाई करना चाहते थे.