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राजस्थान मंत्रिमंडल पुनर्गठन: सचिन पायलट बोले, कमियों को आलाकमान ने किया पूरा

राजस्थान मंत्रिमंडल के पुनर्गठन पर पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि कमियों को आलाकमान ने पूरा किया है. मुझे खुशी है कि कांग्रेस पार्टी, सोनिया गांधी और प्रदेश की सरकार ने जो कुछ कमियां थीं उसे पूरा किया है.

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Published : Nov 21, 2021, 10:51 AM IST

Updated : Nov 21, 2021, 12:18 PM IST

जयपुर :राजस्थान मंत्रिमंडल के पुनर्गठन पर पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि कमियों को आलाकमान ने पूरा किया है. उन्होंने पत्रकार सम्मेलन में संबोधित करते हुए कहा कि शनिवार को राजस्थान के कैबिनेट का पुनर्गठन हुआ था. आज प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र नए मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे.

उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि कांग्रेस पार्टी, सोनिया गांधी और प्रदेश की सरकार ने जो कुछ कमियां थीं उसे पूरा किया है.

राजस्थान में हमारा मुख्य मुकाबला भाजपा से रहता है. जिस तरह से कांग्रेस पार्टी ने भाजपा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, इसका नतीजा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीन काले कानून को वापस लेना पड़ा. उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी में कोई गुट नहीं है. एआईसीसी ने सभी नेताओं से राय लेकर यह निर्णय किया है. हर वर्ग को साथ लेकर कांग्रेस पार्टी काम कर रही है. उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी ने महिलाओं को लेकर यूपी में जो घोषणा किया, वह सबसे बड़ा घोषणा है.

पत्रकारों को संबोधित करते पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट

उन्होंने कहा कि नई कैबिनेट में चार दलित मंत्रियों को स्थान दिया गया है. हमारी पार्टी चाहती है कि दलित, उपेक्षित, पिछड़े लोगों का प्रतिनिधित्व हर जगह होना चाहिए.

पायलट ने कहा कि काफी समय से हमारी सरकार में दलितों का प्रतिनिधित्व नहीं था, अब इसकी भरपाई की है. आदिवासियों का भी प्रतिनिधित्व बढ़ाया गया है.

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उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा मुद्दों की बात की है. हमने कभी व्यक्ति विशेष की बात नहीं की. मुझे खुशी है कि सोनिया गांधी ने जो हमारी समस्याओं को लेकर जो कमेटी बनाई थी, उसका सकारात्मक परिणाम कल आया है और आगे भी अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे.

सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मजबूती के साथ काम करेगी और 2023 में कांग्रेस फिर से सरकार बनाएगी. पायलट ने कहा कि मैं कांग्रेस प्रेसिडेंट से मिला और अनेक मुद्दों पर बातचीत की. जो भी कांग्रेस पार्टी ने मुझे जिम्मेदारी दी है, मैंने पूरी ताकत से निभाया है. जो पार्टी मुझे आने वाले समय में निर्देश देगी, मुझे जहां भी काम देगी वह करेंगे. राजस्थान में 2023 में सरकार हम वापस बनाएंगे.

सचिन पायलट ने कहा कि हमने एक सिद्धांत के तहत अपनी समस्याओं को उठाया था, जिसका सकारात्मक परिणाम आया है. इस बार की जो कैबिनेट है, उसमें सभी वर्गों की भागीदारी होगी. गृह विभाग को लेकर उन्होंने कहा कि सभी विभाग अपना काम कर रहा है और जहां कमजोरी है उसको सरकार ठीक करेगी.

महिलाओं के खिलाफ शोषण को लेकर उन्होंने कहा कि इन घटनाओं को रोकने के लिए सरकार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि हम चाहेंगे कि टिकट बंटवारे में महिलाओं को अधिक से अधिक टिकट मिले और उनका प्रतिनिधित्व अधिक हो.

उल्लेखनीय है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल में बहुप्रतीक्षित फेरबदल आज होने जा रहा है जिसके तहत 15 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी. शपथ ग्रहण समारोह रविवार शाम चार बजे होगा, जिसमें 11 विधायकों को कैबिनेट और चार को राज्य मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी.

वहीं, राज्य की कांग्रेस सरकार अगले महीने अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे करने जा रही है. मंत्रिमंडल में यह पहला फेरबदल है जिसे पार्टी आलाकमान द्वारा क्षेत्रीय व जातीय संतुलन के साथ साथ पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी सूची के अनुसार कैबिनेट मंत्री के रूप में हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत मालवीय, रामलाल जाट, महेश जोशी, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, ममता भूपेश, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली, गोविंद राम मेघवाल व शकुंतला रावत को शपथ दिलाई जाएगी. वहीं, विधायक जाहिदा खान, बृजेंद्र ओला, राजेंद्र गुढ़ा व मुरारीलाल मीणा को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी.

इनमें ममता भूपेश, भजनलाल जाटव व टीकाराम जूली इस समय राज्यमंत्री हैं. उन्हें पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी. इस सूची में हेमाराम चौधरी, मुरारीलाल मीणा व बृजेंद्र ओला सहित पांच विधायकों को पायलट खेमे का माना जाता है. इसके अलावा पिछले साल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावती रुख अपनाए जाने के समय पायलट के साथ साथ पद से हटाए गए विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया जा रहा है. जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से कांग्रेस में आए छह विधायकों में से राजेंद्र गुढ़ा को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी.

बता दें कि मुख्यमंत्री गहलोत शनिवार रात राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र से मिले और अपने कैबिनेट मंत्री रघु शर्मा, हरीश चौधरी और राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के इस्तीफे उन्हें सौंपे जिन्हें उन्होंने स्वीकार कर लिया. इन तीनों मंत्रियों ने संगठन में काम करने की मंशा के साथ अपने इस्तीफे पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिए थे.

पार्टी सूत्रों का कहना है कि राज्य में 2023 के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस पुनर्गठन के जरिए क्षेत्रीय व जातीय संतुलन भी बनाने की कोशिश की गई है. जिन तीन मंत्रियों को राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री बनाया गया है वे अनुसूचित जाति से हैं. नए कैबिनेट मंत्रियों में चार अनुसूचित जाति से, तीन अनुसूचित जनजाति से होंगे. अब गहलोत कैबिनेट में तीन महिलाएं मंत्री हो जाएंगी.

गहलोत मंत्रिमंडल में इन नए मंत्रियों के आने से अधिकतम 30 मंत्रियों का कोटा पूरा हो जाएगा. सूत्रों ने कहा कि मंत्रिमंडल फेरबदल की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 15 विधायकों को संसदीय सचिव व सात को मुख्यमंत्री का सलाहकार नियुक्त किया जाएगा.

Last Updated : Nov 21, 2021, 12:18 PM IST

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