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यूक्रेन में तबाही : जंग में रूस की मदद करेंगे सीरियाई लड़ाके! पुतिन ने कहा- पश्चिमी देश हुए नाकाम - यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की

लगातार 54 दिनों से जारी जंग से यह तो साबित हो चुका है कि, यूक्रेन रूस के समक्ष घुटने नहीं टेकेगा. हालांकि, रूस ने ल्वीव पर हमले करने शुरू कर दिए हैं और पूर्वी यूक्रेन पर भी निशाना साधने की तैयारियां चल रही है. वहीं पुतिन ने साफ कर दिया है कि रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों के लगाए गए प्रतिबंध नाकाम साबित हुए हैं. इधर, रूसी मिसाइल हमलों में 7 और लोगों के मारे जाने की खबर है. जानकारी के मुताबिक, रूस की तरफ से यूक्रेन युद्ध में सीरियाई लड़ाके शामिल होने को तैयार हैं. बता दें कि आज जंग का 55वां दिन है (russia ukraine war) और यूक्रेन जंग में पूरी तरह झुलस चुका है. वहीं, जेलेंस्की ने आखिरी दम तक पुतिन से मुकाबला करने संकल्प लिया है....

यूक्रेन में जंग
यूक्रेन में जंग

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Published : Apr 19, 2022, 7:36 AM IST

Updated : Apr 19, 2022, 7:48 AM IST

कीव : रूसी सेना ने पश्चिमी शहर ल्वीव पर मिसाइल हमले किए और पूरे यूक्रेन में कई अन्य स्थानों को भी निशाना बनाया है. जंग के बीच दुनिया के ताकतवर देशों रूस के खिलाफ कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं. लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (russian president vladimir putin ) का कहना है कि रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों के लगाए गए प्रतिबंध नाकाम साबित हुए हैं. पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देशों को वित्तीय-आर्थिक स्थिति तबाह होने, बाजार में दहशत फैलने, बैंकिंग प्रणाली के ध्वस्त होने और दुकानों में सामानों की कमी हो जाने की उम्मीद थी. उन्होंने कहा कि आर्थिक हमले की रणनीति विफल हो गई है. पुतिन ने कहा कि प्रतिबंधों का अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगियों के खिलाफ उल्टा असर हुआ, जिससे मुद्रास्फीति में तेजी आई और जीवन स्तर में गिरावट आई.

इधर जंग की बात करें तो ल्वीव में कम से कम सात लोगों के मारे जाने की खबर है. शहर में काले धुएं के गुबार उठते देखे गए. कई विस्फोटों के बाद खिड़कियों के शीशे टूट गए और आग लग गई, जिसके बाद शहर के ऊपर घने, काले धुएं के गुबार उठे. ल्वीव और शेष पश्चिमी यूक्रेन ने युद्ध के लगभग दो महीनों के दौरान छिटपुट हमले देखे हैं और देश के उन हिस्सों के लोगों के लिए एक सापेक्ष सुरक्षित आश्रय बन गए हैं जहां लड़ाई अधिक तीव्र रही है. वहीं, यूक्रेन के समर्थन के लिए नाटो द्वारा भेजे जा रहे हथियार आदि ल्वीव के रास्ते ही आ रहे हैं. ये हमले तब हुए जब रूस ने पूर्व और दक्षिण में सैनिकों और हथियारों के जखीरे को बढ़ाना शुरू किया है. माना जा रहा है कि वह यूक्रेन के औद्योगिक गढ़ डोनबास में नए हमलों की तैयारी कर रहा है. इधर, मारियुपोल स्टील प्लांट में तैनात यूक्रेन के लड़ाकों ने कहा कि वे समर्पण नहीं करेंगे. इसके बाद रूस ने यूक्रेन की राजधानी, अन्य शहरों पर हमले करने शुरू कर दिए हैं.

यूक्रेन युद्ध के अगले चरण में शामिल होने को तैयार हैं सीरियाई लड़ाके :यूक्रेन के विभिन्न शहरों में लगातार हमले कर रहे रूसी सैनिकों की मदद के लिए कुछ सीरियाई लड़ाके भी इस युद्ध में शामिल होने की योजना बना रहे हैं. दरअसल, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2017 में सीरिया की अपनी यात्रा के दौरान सीरियाई सेना के एक जनरल की प्रशंसा करते हुए कहा था कि भविष्य में सीरिया और रूसी सेना के सहयोग से बड़े उद्देश्यों को पूरा किया जा सकता है. सीरियाई सेना के इस जनरल ने देश में लंबे समय से चल रहे गृहयुद्ध में विद्रोहियों को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. पुतिन का वह वक्तव्य अब सही साबित होता दिखाई दे रहा है और ब्रिगेडियर जनरल सुहेल अल-हसन की टुकड़ी के सैकड़ों सीरियाई लड़ाके रूसी सैनिकों की ओर से यूक्रेन में कथित तौर पर लड़ने के लिए तैयार हैं.

सीरिया के रेगिस्तान में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ वर्षों तक लड़ाई लड़ने वाले सीरियाई सैनिकों, पूर्व विद्रोहियों और अनुभवी लड़ाकों को यूक्रेन में रूसी सेना की मदद के लिए भेजा जा सकता है.रूस के अधिकारियों ने युद्ध की शुरुआत में दावा किया था कि पश्चिम एशिया से 16 हजार से अधिक लड़ाकों ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में शामिल होने की इच्छा जताते हुए प्रशिक्षण के लिए आवेदन किया है. हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि रूस पूर्वी यूक्रेन में बड़े पैमाने पर हमले के साथ युद्ध के अगले चरण की तैयारी कर रहा है. उनका मानना है कि आगामी कुछ सप्ताहों में सीरियाई लड़ाकों को तैनात किया जा सकता है.

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पश्चिमी यूक्रेन के ल्वीव शहर में सोमवार तड़के संभवत: मिसाइल हमलों के कारण कई विस्फोट हुए. प्रत्यदर्शियों ने यह जानकारी दी. गौरतलब है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (volodymyr zelenskyy president of ukraine ) ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मारियुपोल में आखिरी दम तक लड़ने का संकल्प किया है. रूसी सेना ने बंदरगाह शहर के एक विशाल इस्पात संयंत्र को नष्ट कर दिया है, जो दक्षिणी यूक्रेन के शहर मारियुपोल में प्रतिरोध का आखिरी स्थान था. ल्वीव और पश्चिमी यूक्रेन के बाकी हिस्से, देश के अन्य हिस्सों की तुलना में रूसी आक्रमण में कम प्रभावित हुए हैं और अभी तक शहर को अपेक्षाकृत सुरक्षित आश्रय माना जाता रहा था. ल्वीव के मेयर एंड्री सदोवी ने सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’ पर बताया कि शहर पर पांच मिसाइलें दागी गईं और आपात सेवा कर्मी मौके पर मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि विस्तृत जानकारी जल्द दी जाएगी.

यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस शिमगल ने कहा था, 'हम इस युद्ध में जीत के लिए आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ेंगे. यूक्रेन कूटनीति के जरिए युद्ध को समाप्त करने को तैयार है, लेकिन हमारा इरादा आत्मसमर्पण का नहीं है.' उन्होंने कहा कि यूक्रेन, यदि संभव हो तो कूटनीति के माध्यम से युद्ध को समाप्त करने के लिए तैयार है, लेकिन हमारा इरादा आत्मसमर्पण करने का नहीं है. यूक्रेन के उप रक्षामंत्री हन्ना मालयार ने मारियुपोल को यूक्रेन की रक्षा करने वाली ढाल’’ बताया. उन्होंने कहा कि मारियुपोल पर रूस के हमले के बावजूद यूक्रेनी बल डटे हुए हैं. देश के विभिन्न हिस्सों में मिसाइल और रॉकेट दागे गए हैं. जेलेंस्की ने रूसी सैनिकों पर अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में लोगों को यातनाएं देने और उन्हें अगवा करने का आरोप लगाया है. जेलेंस्की ने कहा कि वह पूर्वी यूक्रेन को सुरक्षित रखने के लिए सबकुछ कर रहे हैं. जेलेंस्की ने कहा, यातना कक्ष बनाए गए हैं. वे स्थानीय सरकारों के प्रतिनिधियों और स्थानीय समुदाय के लोगों का अपहरण कर रहे हैं.

Last Updated : Apr 19, 2022, 7:48 AM IST

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