कीव : यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Ukrainian President Volodymyr Zelensky)ने संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की सबसे शक्तिशाली इकाई को लाशों के अंबार का एक संक्षिप्त वीडियो फुटेज दिखाते हुए रूसी आक्रमण को रोकने का आह्वान किया है. जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से कहा कि युद्ध अपराधों के लिए रूसी सेना को तुरंत न्याय के दायरे में लाया जाना चाहिए. इधर अमेरिका ने, रूस में नए निवेश पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है. वहीं, रूस की सेना पुनः एकत्रित होकर डोनबास पर हमले की तैयारी कर रही है. वहीं, 'टू प्लस टू' वार्ता से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से बात की. बातचीत में मुख्य रुप से यूक्रेन के ताजा घटनाक्रम पर चर्चा की गई.
यूक्रेन की सड़कों पर शव मिलने के बाद रूस की वैश्चिक स्तर पर निंदा :जानकारी के मुताबिक, कीव के आसपास के शहरों में 410 नागरिकों के शव मिले हैं जिन्हें हाल के दिनों में रूसी सेना से फिर से हासिल किया गया है. राजधानी के उत्तर-पश्चिम में बुका में एसोसिएटेड प्रेस के पत्रकारों ने 21 शव देखे. इन मृत व्यक्तियों में नौ लोगों का एक समूह भी शामिल था जो कपड़ों से आम नागरिक प्रतीत हो रहे थे और उन्हें करीब से गोली मारी गई थी. कम से कम दो के हाथ उनकी पीठ के पीछे बंधे हुए थे. इस घटना की पूरे विश्व में निंदा हो रही है (Russia faces global outrage over bodies in Ukraine's streets).
जेलेंस्की ने यूक्रेन युद्ध को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की सबसे भयानक त्रासदी बताया.
जंग के बीच जेलेंस्की ने यूएनएससी में रूस के सैनिकों पर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे बर्बर अत्याचार करने का आरोप लगाया और कहा कि वे इस्लामिक स्टेट समूह जैसे आतंकवादियों से अलग नहीं हैं. उन्होंने कहा, रूसी सैनिकों ने यूक्रेनी नागरिकों के हाथ-पैर काटे, उनका गला रेता. बच्चों के सामने महिलाओं से दुष्कर्म किया गया, हत्याएं की गईं। उनकी जुबानें खींच ली गईं, क्योंकि आक्रांताओं को वह सुनने को नहीं मिला, जो वे उनसे सुनना चाहते थे.जेलेंस्की ने इसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की सबसे भयानक त्रासदी बताया. दूसरी तरफ, भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन के बूचा शहर में नागरिकों के मारे जाने संबंधी खबरों को 'बेहद परेशान' करने वाला करार देते हुए इस कृत्य की कड़ी निंदा की.