कीव :रूस यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमले किए जा रहा है. लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं. वहीं, यूक्रेन पर रूस के हमले के दो महीने बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस (United Nations Secretary-General Antonio Guterres) अगले सप्ताह मॉस्को की यात्रा पर जाएंगे, जहां वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे. वहीं, रूस ने वार्ता रुकने के लिए युक्रेन को जिम्मेदार ठहराया हैं. इससे पहले, गुतारेस ने इस सप्ताह पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को पत्र लिखकर मॉस्को और कीव में उनकी अगवानी करने तथा यूक्रेन में शांति बहाल करने के लिए कदम उठाने पर चर्चा करने को कहा था. संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता कार्यालय की ओर से कहा गया है कि गुतारेस 26 अप्रैल को मॉस्को जाएंगे. बयान के मुताबिक, संरा महासचिव रूस के विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव के साथ बैठक करेंगे और साथ में भोजन करेंगे. गुतारेस 26 अप्रैल को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे. वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि भारत, यूक्रेन में शांति पर जोर दे रहा है और चाहता है कि वहां से रूस बाहर निकल जाए. ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने अपने समकक्ष नरेंद्र मोदी से विस्तृत चर्चा के बाद संवाददाताओं से यह बात कही. जॉनसन ने कहा कि यूक्रेन के बूचा में जो हुआ, उसके खिलाफ मोदी की प्रतिक्रिया काफी मजबूती से सामने आयी और हर कोई रूस के साथ भारत के दशकों पुराने ऐतिहासिक संबंधों का सम्मान करता है. उन्होंने कहा, भारतीय, यूक्रेन में शांति चाहते हैं और चाहते हैं कि रूसी वहां से बाहर निकले और मैं इससे पूरी तरह से सहमत हूं.
यूक्रेन में नागरिकों के खिलाफ उल्लंघनों की डरावनी कहानी सामने आयी है: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से युद्ध अपराधों के सबूत सामने आ रहे हैं. इसके साथ ही उसने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि मानवीय कानून को दरकिनार कर दिया गया है. मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र की उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने कहा, हमारे अब तक के काम में नागरिकों के खिलाफ उल्लंघनों की एक डरावनी कहानी सामने आयी है. उनके कार्यालय के यूक्रेन स्थित मिशन ने 24 फरवरी को युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 5,264 नागरिकों के हताहत होने की पुष्टि की है, जिसमें 2,345 मौतें शामिल हैं. इसने कहा कि उनमें से 92.3 प्रतिशत मामले यूक्रेन सरकार द्वारा नियंत्रित क्षेत्र में दर्ज किए गए. कार्यालय सख्त कार्यप्रणाली का उपयोग करता है और लंबे समय से स्वीकार करता रहा है कि इसके पुष्ट आंकड़े वास्तविक संख्या से बहुत कम हैं. बाशेलेट ने कहा, ‘‘वास्तविक संख्या बहुत अधिक होगी’’ जब मारियुपोल जैसे स्थानों से अधिक विवरण सामने आएंगे, जहां भीषण लड़ाई हो रही है. इन आठ हफ्तों में, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून को न केवल नजरअंदाज किया गया है, बल्कि एक तरह से दरकिनार कर दिया गया.
उनके कार्यालय ने एक बयान में कहा कि रूसी सशस्त्र बलों ने आबादी वाले क्षेत्रों में अंधाधुंध गोलाबारी की और बमबारी की जिनमें नागरिकों की मौत हुई. साथ ही अस्पतालों, स्कूलों और अन्य नागरिक बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया गया - ऐसी कार्रवाई जो युद्ध अपराधों के बराबर हो सकती है. बाशेलेट ने कहा, हमारा अनुमान है कि कम से कम 3,000 नागरिक मारे गए हैं क्योंकि उन्हें इलाज नहीं मिल सका. संयुक्त राष्ट्र मिशन को रूसी सैनिकों द्वारा महिलाओं, पुरुषों, लड़कियों और लड़कों के खिलाफ यौन हिंसा के अब तक 75 आरोप प्राप्त हुए हैं, जिनमें से अधिकांश कीव क्षेत्र में हैं. मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि रूसी बलों और संबद्ध समूहों द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों में नागरिकों को हिरासत में लेना "एक व्यापक चलन बन गया है" और अब तक ऐसे 155 मामले दर्ज किए गए हैं.
सैटेलाइट तस्वीरों से मारियुपोल के पास संभावित सामूहिक कब्रों का पता चला :सैटेलाइट तस्वीरों में युद्धग्रस्त यूक्रेन के मारियुपोल शहर के पास सामूहिक कब्रें दिखाई दे रही हैं. यह तस्वीरें बृहस्पतिवार को जारी की गयी थीं. (mass graves near mariupol) मारियुपोल के स्थानीय अधिकारियों ने रूस पर शहर की घेराबंदी के दौरान आम लोगों की हो रही हत्याओं को छिपाने के प्रयास के तहत करीब नौ हजार यूक्रेनी नागरिकों को सामूहिक तौर पर दफनाने का आरोप लगाया. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा मारियुपोल की लड़ाई में जीत का दावा करने के कुछ घंटे बाद ही सैटेलाइट की यह तस्वीरें जारी की गयी हैं. हालांकि, मारियुपोल के एक विशाल स्टील संयंत्र में यूक्रेन के करीब दो हजार सैनिक अभी भी छिपे हुए हैं. सैटेलाइट तस्वीरें उपलब्ध कराने वाली कंपनी मैक्सार टेक्नोलॉजीज ने यह तस्वीरें जारी की हैं. कंपनी के मुताबिक इन तस्वीरों में 200 से अधिक सामूहिक कब्रें दिखाई दे रही हैं. यूक्रेन के अधिकारियों का दावा है कि रूस मारियुपोल शहर में हमले में मारे जा रहे आम नागरिकों को इन्हीं सामूहिक कब्रों में दफन कर रहा है.