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लेखक रस्किन बॉन्ड ने मनाया 87वां जन्मदिवस, शुभचिन्तकों ने दी बधाई - लेखक रस्किन बॉन्ड

हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन क्षेत्र कसौली में जन्मे रस्किन बॉन्ड इन दिनों मसूरी में हैं, जहां उन्होंने अपना 87वां जन्मदिन मनाया. इसी के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से अपने शुभचिन्तकों का जन्मदिवस पर बधाई देने पर आभार व्यक्त किया है. मसूरी में अपना जन्मदिन मनाते हुए रस्किन ने अपनी जन्मस्थली कसौली को भी याद किया. खास यह है कि रस्किन बॉन्ड हर वर्ष अपने जन्मदिन पर एक नई पुस्तक का लोकार्पण करते हैं, लेकिन इस बार भी उन्होंने अपने प्रशसकों के बीच नई पुस्तक निकालने के लिए थोड़ा और समय मांगा है.

रस्किन बॉन्ड
रस्किन बॉन्ड

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Published : May 19, 2021, 11:00 PM IST

शिमला :अंग्रेजी बाल साहित्य में अद्भुत कार्य करने वाले रस्किन बॉन्ड ने बुधवार को अपना 87वां जन्मदिवस मनाया. रस्किन बॉन्ड इन दिनों मसूरी में है और वहीं उन्होंने अपना जन्मदिन मनाया. इसी के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से अपने शुभचिन्तकों का जन्मदिवस पर बधाई देने पर आभार व्यक्त किया है.

अगली पुस्तक के लॉन्च के लिए मांगा वक्त

मसूरी में अपना जन्मदिन मनाते हुए रस्किन ने अपनी जन्मस्थली कसौली को भी याद किया. खास यह है कि रस्किन बॉन्ड हर वर्ष अपने जन्मदिन पर एक नई पुस्तक का लोकार्पण करते हैं, लेकिन इस बार भी उन्होंने अपने प्रशंसकों के बीच नई पुस्तक निकालने के लिए थोड़ा और समय मांगा है. हालांकि पहले वह 'ऑल टाइम फेवरेट्स फॉर चिल्ड्रन' पुस्तक जन्मदिन पर लॉन्च करना चाहते थे. हालात के सामान्य होने के बाद वह अपनी पुस्तक को उतारेंगे. अभी वह एक नई खोजबीन में भी जुटे हुए हैं.

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन क्षेत्र कसौली में रस्किन बॉन्ड का जन्म हुआ था. 19 मई 1934 को जन्मे रस्किन बॉन्ड शुरुआत से ही नई तलाश में जुटे रहते थे. 1964 में उन्होंने पहली बार मसूरी का रुख किया था और इसके बाद से वह मसूरी में ही रह रहे हैं. इनकी पढ़ाई शिमला में भी हुई है.

मसूरी को खूबसूरत बनाए रखने की अपील

रस्किन को पहाड़ों की रानी की खूबसूरती इस कदर भाई कि उन्होंने यहीं अपना आशियाना बना लिया. रस्किन कहते हैं कि इन वर्षों में मैंने मसूरी को बदलते देखा है. प्लीज सभी लोग मसूरी की खूबसूरती को बनाए रखने का प्रयास करें. मसूरी की वादियों में उनकी कई प्रसिद्ध रचनाएं अंकुरित हुईं हैं. इनमें प्रमुख हैं 'द ब्लू अम्ब्रेला', 'द नाइट ट्रेन एट देहली', 'देहली इज नॉट फॉर रस्किन' और 'अवर ट्री स्टिल ग्रो इन देहरा'. एक था रस्टी कहानी पर बने टीवी शो को दर्शकों ने बहुत सराहा था.

उनकी रचनाओं पर जुनून, सात खून माफ और द ब्लैक कैट जैसी फिल्में भी बन चुकी हैं. साहित्य के क्षेत्र में रस्किन के योगदान के लिए उन्हें 1992 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, 1999 में पद्मश्री और 2014 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया. वह अब तक 150 से अधिक पुस्तकों की रचना कर चुके हैं. रस्किन बॉन्ड टाइप राइटर या कंप्यूटर की बजाय पेन से लिखना ही पसंद करते हैं. रस्किन बॉन्ड 17 साल की उम्र से लिख रहे हैं.

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