लखनऊ : रामेश्वरम की यात्रा करने गए इन पर्यटकों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सीतापुर के स्वयंसेवक शिव प्रताप सिंह चौहान भी सफर कर रहे थे. शिवप्रताप ने ट्रेन के अंदर से चार अनजान लोगों को अपने कंधे पर लादकर बाहर निकाल लिया, लेकिन अपनी पत्नी और बहनोई को नहीं निकाल पाए. थक हारकर वह वहीं गिर गए. स्वयंसेवक शिव प्रताप सिंह चौहान ने आपबीती फेसबुक पर शेयर की है. 17 अगस्त को लखनऊ जंक्शन से परिजनों और पूरे ग्रुप के साथ शुरू हुई यात्रा हर रोज किस-किस मंदिर में कहां-कहां दर्शन किए. ट्रेन के कोच के अंदर ही रात में भोजन करने के फोटो और वीडियो और फोटो भी शेयर की है. अपने खुशी के पलों को हर दिन शेयर करने वाले स्वयंसेवक शिव प्रताप सिंह चौहान ने जब हादसे के दिन का वीडियो और फोटो शेयर किया तो वह काफी पीड़ादायक है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सीतापुर के स्वयंसेवक शिवप्रताप सिंह चौहान ने बताया कि मदुरै स्टेशन पर ट्रेन के जिस कोच में आग लगी उस वक्त मैं भी उसी कोच में था. लोग सुबह के समय सो रहे थे अचानक आग लगने की सूचना पूरे कोच में आग की तरह ही फैल गई. जैसे ही लोगों को इसकी जानकारी हुई भगदड़ मच गई. लोग बाहर निकालने के लिए चीख रहे थे. चिल्ला रहे थे. उन्होंने बताया कि जैसे ही मुझे इसकी जानकारी मिली तो तत्काल लोगों को बाहर निकालने के लिए जुट गया. चार लोगों को अपने कंधे पर लादकर आग से बचाते हुए कोच के बाहर ले आया, लेकिन मेरे लिए सबसे ज्यादा पीड़ादायक बात यही है कि कोच में मेरी पत्नी भी थी और बहनोई शत्रु दमन सिंह भी थे. उन दोनों ही लोगों को आग की लपटों से निकलने में सफल नहीं हो पाया. कोशिश बहुत की, लेकिन ऊपर वाले को शायद मंजूर नहीं था. मैं थककर वहीं पर गिर गया अब ईश्वर से अन्य लोगों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहा हूं. फेसबुक पर शिव प्रताप सिंह चौहान ने जब आपबीती सुनाई तो लोगों ने दुख की इस घड़ी में उन्हें सांत्वना दी. बड़ी संख्या में लोग इस घटना पर सांत्वना व्यक्त कर रहे हैं.