चंडीगढ़: कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने 1988 के 'रोड रेज' मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को एक स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया. सिद्धू के मीडिया सलाहकार सुरिन्दर दल्ला ने अदालत के बाहर पत्रकारों से कहा, उन्होंने (सिद्धू ने) अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सिद्धू को चिकित्सकीय जांच के लिए ले जाया गया है और उन्हें पटियाला जेल में रखा जाएगा.
नवतेज सिंह चीमा सहित पार्टी के कुछ नेताओं के साथ 58 वर्षीय सिद्धू दोपहर बाद जिला अदालत पहुंचे. यह अदालत उनके आवास के पास स्थित है. चीमा, सिद्धू को एसयूवी से अदालत लेकर गए. सिद्धू ने गहरे रंग का 'पठानी सूट' पहना हुआ था. शुक्रवार की सुबह कुछ समर्थक सिद्धू के आवास पर पहुंचे. आत्मसमर्पण के लिए कुछ मोहलत की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाए जाने के तुरंत बाद सिद्धू ने आत्मसमर्पण कर दिया.
शीर्ष अदालत के न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति जेबी परदीवाला की पीठ ने सिद्धू की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि इस मामले में फैसला एक विशेष पीठ द्वारा सुनाया गया था, इसलिए वह अर्जी दायर कर सकते हैं और प्रधान न्यायाधीश के समक्ष मामले का उल्लेख कर सकते हैं. सिंघवी ने कहा कि वह प्रधान न्यायाधीश के समक्ष मामले का उल्लेख करने की कोशिश करेंगे. इस बीच पटियाला में, सिद्धू के कुछ समर्थक शुक्रवार की सुबह उनके आवास पर पहुंच गए.
पटियाला जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नरिंदर पाल लाली ने बृहस्पतिवार रात पार्टी समर्थकों को एक संदेश में कहा था कि सिद्धू सुबह 10 बजे अदालत पहुंचेंगे. उन्होंने कार्यकर्ताओं से सुबह करीब साढ़े नौ बजे अदालत परिसर पहुंचने का आग्रह किया था. क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू भी बृहस्पतिवार की रात पटियाला स्थित आवास पर पहुंच गयी थीं. उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को 34 साल पुराने 'रोड रेज' मामले में सिद्धू को एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी और कहा था कि अपर्याप्त सजा देकर किसी भी तरह की 'अनुचित सहानुभूति' से न्याय प्रणाली को अधिक नुकसान होगा तथा इससे कानून पर जनता का भरोसा कम होगा.