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अब एयरलाइन के घाटे में हाे सकता है सुधार - हवाई यातायात में मांग बढ़ी

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने साेमवार काे जारी एक रिपोर्ट में कहा कि कोविड के मामलों पर लगाम लगने से हवाई यातायात में यात्री और यात्री भार कारक (पीएलएफ) के मामले में तेजी देखी जा रही है. इससे उम्मीद की जाती है कि एयरलाइन के नुकसान काे कम किया जा सकता है.

एयरलाइन
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Published : Sep 20, 2021, 8:58 PM IST

नई दिल्ली : डीजीसीए द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2021 में कुल यात्रियों की संख्या 6.7 मिलियन थी. महीने के दौरान सभी एयरलाइनों के पीएलएफ में क्रमिक रूप से सुधार हुआ है.

इंडिगो ने पीएलएफ (जुलाई 2021 में 66% से अगस्त 2021 में 74%) में सबसे बड़ा सुधार देखा गया, इसके बाद एयर एशिया (जुलाई 2021 में 54% से अगस्त 2021 में 60%) का स्थान रहा. सभी एयरलाइनों में स्पाइसजेट ने अगस्त 2021 में उच्चतम पीएलएफ (80%) की दर्ज की है.

यात्री भार कारक (Passenger load factor) इस बात का माप है कि किसी एयरलाइन की यात्री वहन क्षमता का कितना उपयोग किया गया है.

देश में कोविड की स्थिति में सुधार को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने शनिवार को घरेलू एयरलाइन कंपनियों के लिए यात्री क्षमता को 72.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 85 प्रतिशत कर दिया है. साथ ही नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने महीने में केवल 15 दिनों के लिए इसे लागू करके किराया बैंड नियम को बदल दिया है, जो प्रभावी रूप से फ्लाइट टिकटों की कीमत में वृद्धि कर सकता है.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने मई 2020 से घरेलू हवाई किराए को सीमित कर दिया है, जब कोरोनोवायरस महामारी के प्रकोप के कारण दो महीने के अंतराल के बाद उड़ान संचालन फिर से शुरू हुआ. उड़ानों की सीमित संख्या के कारण टिकट की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए एयरलाइंस पर प्राइस कैपिंग लगाई गई थी.

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