रीवा: राज निवास भवन में हुई दुष्कर्म की घटना में दोषी बनाए गए अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष संजय त्रिपाठी और सह आरोपी अंशुल मिश्रा की जमानत याचिका को जिला न्यायालय ने नामंजूर कर दिया. जिसके बाद आरोपी पक्ष के वकील ने हाई कोर्ट जाने की दलील दी है. बताया जा रहा है कि आरोपी संजय त्रिपाठी पर पूर्व में कई मामले दर्ज हैं जिसकी वजह से जिला न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका को नामंजूर किया है. वहीं, घटना में शामिल फरार दो आरोपियों मोनू मिश्रा और पप्पू शुक्ला को भी गिरफ्तार किया गया.
सह आरोपियों के जमानत याचिका खारिज:रीवा के राज निवास भवन में हुए बहुचर्चित रेप कांड में नया मोड़ सामने आया है. 2 आरोपियों को यह कहकर उनकी जमानत याचिका को नामंजूर कर दिया कि उनपर कई मामले थाने में दर्ज हैं. संजय त्रिपाठी (Sanjay Tripathi) पर घटना के मुख्य आरोपी महंत सीताराम को वाहन उपलब्ध कराने और अपने घर में शरण देने के आरोप लगे हैं. जबकि उनके भांजे अंशुल मिश्रा पर राज निवास भवन में रूम बुक कराने का आरोप था. दोनों ने कोर्ट में जमानत याचिका लगाई गई थी.