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आरक्षण संशोधन बिल पर राजभवन भेजे गए सभी 10 सवालों के जवाब: भूपेश बघेल - Reservation Bill in Chhattisgarh

Big news of Chhattisgarh आरक्षण संशोधन बिल पर छत्तीसगढ़ की राज्यपाल से मांगे गए 10 सवालों के जवाब भूपेश सरकार ने भेज दिए हैं. मीडिया से बात करते हुए सीएम भूपेश बघेल ने बताया कि राजभवन ने जिन 10 बिंदुओं पर सवाल पूछे थे. उन सभी बिंदुओं का जवाब भेज दिया गया है. संविधान में ऐसी व्यवस्था नहीं है लेकिन फिर भी सरकार ने जवाब भेजा हैं. अब राज्यपाल को आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर करने में देरी नहीं करनी चाहिए.

Reservation Amendment Bill big news
राजभवन भेजे गए सवालों के जवाब

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Published : Dec 25, 2022, 2:27 PM IST

राजभवन भेजे गए सवालों के जवाब

रायपुर:आइए आपको बताते हैं कि वो कौन से 10 बिंदु है जिन पर राज्यपाल अनुसुइया उइके ने छत्तीसगढ़ सरकार से जवाब मांगा. जिसका जवाब नहीं मिलने तक राज्यपाल आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करने पर अड़ी हुई हैं.

इन 10 बिंदुओं पर राज्यपाल ने मांगा है जवाब :

1. क्या अनुसूचित जाति और जनजाति के संबंध में मात्रात्मक विवरण (डाटा) संग्रहित किया गया है.

2. इंदिरा साहनी केस में उल्लेखित विशेष एवं बाध्यकारी परिस्थितियां कौन सी हैं?

3. हाईकोर्ट के आदेश के ढाई महीने बाद ऐसी कौन सी परिस्थितियां बनीं, जिसके आधार पर आरक्षण में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की गई?

4. अनुसूचित जाति एवं जनजाति के व्यक्ति किस प्रकार राज्य में सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े हुए हैं?

5. छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति और जनजाति के सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक पिछड़ेपन को ज्ञात करने के लिए कौन सी कमेटी बनाई गई?

6. क्वांटिफाएबल डाटा आयोग की रिपोर्ट राजभवन में प्रस्तुत करें।

7. अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन में शासन के विधि एवं विधायी कार्य विभाग का क्या अभिमत है?

8. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए संविधान के अनुच्छेद 16(6) के तहत पृथक अधिनियम लाना चाहिए था?

9. अनुसूचित जाति एवं जनजाति के सदस्य राज्य की सेवाओं में क्या चयनित नहीं हो रहे हैं?

10. क्या 76 प्रतिशत आरक्षण लागू करने से प्रशासन की दक्षता का ध्यान रखा गया है। इस संबंध में क्या कोई सर्वेक्षण किया





आरक्षण बिल पर तकरार:2 दिसंबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा आरक्षण बिल पास हुआ. बिल में राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए लिए सरकार के चार मंत्री उसी रात राजभवन पहुंचे और राज्यपाल को आरक्षण विधेयक बिल सौंपा. लेकिन 23 दिन होने के बाद भी राज्यपाल ने बिल पर साइन नहीं किया. जिसके बाद आरक्षण विधेयक पर राजनीति शुरू हो गई. राज्यपाल ने सभी पक्ष जानने के बाद ही बिल पर हस्ताक्षर करने की बात कही. साथ ही शासन से 10 बिंदुओं पर जवाब मांगा. इस पर सरकार ने भी राज्यपाल पर भाजपा के दबाव में काम करने का आरोप लगाया. Reservation Bill in Chhattisgarh

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