दिल्ली: यूपी पुलिस के द्वारा नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे मुसलमानों के खिलाफ 350 एफआईआर दर्ज की गई हैं. वहीं यूपी में 23 लोगों को पुलिस के द्वारा मारे जाने के साथ ही 3,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उक्त बातें एपीसीआर (the struggle for equal citizenship in uttar pradesh and its costs) ने बुधवार को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहीं. इस दौरान उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के बाद योगी सरकार द्वारा मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार पर रिपोर्ट पेश की गई.
वहीं यूनाइटेड अगेंस्ट हेट संगठन के संस्थापक नदीम खान अनुसार विरोध के दौरान कानपुर के 21,500 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई. इसके अलावा रामपुर में 1,000, बिजनौर में 2,200, गाजियाबाद में 3,500 और मेरठ में 3,000, मुजफ्फरनगर में पांच हजार, अलीगढ़ में छह हजार, फिरोजाबाद में दो हजार, लखनऊ में छह हजार के अलावा 663 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. ये सभी एफआईआर यूपी पुलिस ने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे लोगों के खिलाफ दर्ज कराई है.
वहीं उन्होंने कहा कि अगर विरोध के दौरान हुई मौतों की बात करें तो बिजनौर, फिरोजाबाद, कानपुर, लखनऊ, मेरिट, मुजफ्फरनगर, रामपुर, संभल, बनारस से कुल 23 लोगों की मौत हो चुकी है और इन सभी लोगों के शव मिले हैं. जिनमें गोली के निशान मिले हैं.वहीं अगर विरोध के दौरान हुई मौतों की बात करें तो बिजनौर, फिरोजाबाद, कानपुर, लखनऊ, मेरिट, मुजफ्फरनगर, रामपुर, संभल, बनारस से कुल 23 लोगों की मौत हो चुकी है और इन सभी लोगों के शव मिले हैं. जिनमें गोली के निशान मिले हैं.