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APCR का दावा, CAA विरोधी प्रदर्शन के दौरान यूपी में मुसलमानों का हुआ 'उत्पीड़न'

एपीसीआर की रिपोर्ट में कहा है कि यूपी पुलिस के द्वारा नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे मुसलमानों के खिलाफ 350 एफआईआर दर्ज करने के साथ ही प्रदेश में 3,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

APCR report
एपीसीआर की रिपोर्ट

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Published : Feb 16, 2022, 10:55 PM IST

Updated : Feb 16, 2022, 11:03 PM IST

दिल्ली: यूपी पुलिस के द्वारा नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे मुसलमानों के खिलाफ 350 एफआईआर दर्ज की गई हैं. वहीं यूपी में 23 लोगों को पुलिस के द्वारा मारे जाने के साथ ही 3,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उक्त बातें एपीसीआर (the struggle for equal citizenship in uttar pradesh and its costs) ने बुधवार को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहीं. इस दौरान उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के बाद योगी सरकार द्वारा मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार पर रिपोर्ट पेश की गई.

वहीं यूनाइटेड अगेंस्ट हेट संगठन के संस्थापक नदीम खान अनुसार विरोध के दौरान कानपुर के 21,500 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई. इसके अलावा रामपुर में 1,000, बिजनौर में 2,200, गाजियाबाद में 3,500 और मेरठ में 3,000, मुजफ्फरनगर में पांच हजार, अलीगढ़ में छह हजार, फिरोजाबाद में दो हजार, लखनऊ में छह हजार के अलावा 663 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. ये सभी एफआईआर यूपी पुलिस ने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे लोगों के खिलाफ दर्ज कराई है.

वहीं उन्होंने कहा कि अगर विरोध के दौरान हुई मौतों की बात करें तो बिजनौर, फिरोजाबाद, कानपुर, लखनऊ, मेरिट, मुजफ्फरनगर, रामपुर, संभल, बनारस से कुल 23 लोगों की मौत हो चुकी है और इन सभी लोगों के शव मिले हैं. जिनमें गोली के निशान मिले हैं.वहीं अगर विरोध के दौरान हुई मौतों की बात करें तो बिजनौर, फिरोजाबाद, कानपुर, लखनऊ, मेरिट, मुजफ्फरनगर, रामपुर, संभल, बनारस से कुल 23 लोगों की मौत हो चुकी है और इन सभी लोगों के शव मिले हैं. जिनमें गोली के निशान मिले हैं.

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इस मौके पर प्रो. अपूर्वानंद ने कहा, यह सच है कि यह सब राजनीतिक मानसिकता के साथ हो रहा है. इन सबके पीछे आरएसएस का हाथ है, लेकिन गोली चलाने वाले या आदेश देने वाले पुलिस अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते. ऐसा नहीं कहा जा सकता कि उन्हें शीर्ष अधिकारियों ने आदेश दिया था. वहीं मानवाधिकार कार्यकर्ता अयमान खान ने कहा कि जब से उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण कानून पारित हुआ है तब से लगभग 34 लोगों को पुलिस और उन सभी को गिरफ्तार किया गया है ये व्यक्ति मुस्लिम धर्म के हैं.

उन्होंने कहा कि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि यह रिपोर्ट आसिफ इकबाल तन्हा और सफूरा जरगर द्वारा तैयार की गई है जो योगी सरकार के तहत उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के उत्पीड़न का वर्णन करती है.

Last Updated : Feb 16, 2022, 11:03 PM IST

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